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बजट की सीमायें तय कर दी हैं मैंने: चिदंबरम

वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि अगले महीने पेश किये जाने वाले आम बजट को लेकर उन्होंने सीमायें तय कर दी हैं और यह जिम्मेदारी भरा बजट होगा. चिदंबरम ने आगामी बजट में सभी तरह की सब्सिडियों को समाप्त किये जाने की संभावनाओं को खारिज करते हुये कहा कि गैर-प्राथमिक सब्सिडी ही धीरे-धीरे कुछ समय में समाप्त की जायेंगी.

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पी. चिदंबरम
पी. चिदंबरम

वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि अगले महीने पेश किये जाने वाले आम बजट को लेकर उन्होंने सीमायें तय कर दी हैं और यह जिम्मेदारी भरा बजट होगा. चिदंबरम ने आगामी बजट में सभी तरह की सब्सिडियों को समाप्त किये जाने की संभावनाओं को खारिज करते हुये कहा कि गैर-प्राथमिक सब्सिडी ही धीरे-धीरे कुछ समय में समाप्त की जायेंगी.

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अगले साल होने वाले आम चुनाव को देखते हुये यह धारणा बनी है कि आगामी बजट लोकलुभावन हो सकता है और सरकार जनकल्याण के कार्यक्रमों पर बढ़ाचढ़ाकर खर्च कर सकती है. कांग्रेस नीति यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह आखिरी पूर्ण बजट होगा. चिदंबरम ने निवेशकों के समक्ष कहा, ‘मैंने सीमा रेखायें तय कर दी हैं. एक सीमा यह है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.3 प्रतिशत से ऊपर नहीं जाने दिया जायेगा और अगले साल के बजट में इसे 4.8 प्रतिशत पर सीमित रखा जायेगा.’ चिदंबरम ने फाइनेंशियल टाइम्स को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘लाल रेखायें मैंने खींच दी है और हम इस सीमा का उल्लंघन होने नहीं देंगे.’

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिये कई उपाय किये हैं, विशेषतौर पर कर प्रशासन को मजबूत बनाकर राजस्व बढ़ाने के उपाय किये गये हैं. लोगों से वादा किया गया है कि अगले साल आर्थिक वृद्धि 6 से 7 प्रतिशत के उच्चस्तर पर होगी. उन्होंने कहा, ‘जो कुछ भी हमने कहा है और जो कुछ भी हमने किया है उस सबसे यही संकेत मिलता है कि अगला बजट एक जिम्मेदारी भरा बजट होगा, और यह बजट इसके अलावा कुछ और नहीं होगा.’ यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ईंधन सब्सिडी में कटौती के लिये मजबूती से आगे बढ़ेगी, चिदंबरम ने कहा, ‘इस बारे में यहां इस मंच से’’ कोई घोषणा नहीं कर सकते. सरकार ने पहले ही डीजल के दाम उनके अंतरराष्ट्रीय दाम के बराबर पहुंचाने की दिशा में कदम उठाया है. सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री करने वाली कंपनियों को डीजल के दाम में धीरे-धीरे वृद्धि करने की अनुमति दे दी है.

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डीजल के दाम में 10 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि अभी काफी दूर है इस बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा कि इस दिशा में शुरुआत की जा चुकी है और सरकार को उसके द्वारा उठाये गये कदमों से समझा जाना चाहिये. वित्त मंत्री ने कहा, ‘ऐसा देश जहां बड़ी संख्या में गरीब लोग रहते हैं, मूल्यों में होने वाली वृद्धि धीरे-धीरे और हल्की होनी चाहिये. राजनीतिक रुप से यही उचित दिशा होगी.’ यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार दीर्घकालिक लक्ष्य को ध्यान में रखते हुये ईंधन सब्सिडी पूरी तरह समाप्त करेगी, जवाब में उन्होंने कहा कि सभी सब्सिडी समाप्त नहीं की जा सकती. उन्होंने मिट्टी तेल का उदाहरण देते हुये कहा कि यदि इसके दाम में अंतरराष्ट्रीय दाम के अनुरुप पूरी वृद्धि कर दी जाती है तो ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों के लिये इसे खरीदना मुश्किल हो जायेगा.

इसके बाद वह जलाने के लिये लकड़ी का इस्तेमाल करने लगेंगे और उससे वनों का नुकसान होगा. चिदंबरम ने कहा, ‘इस मामले में सोचसमझकर संतुलित निर्णय लिये जाने की आवश्यकता है. भारत में कुछ सब्सिडी आवश्यक है, यह लोगों की जरूरत है. जो सब्सिडी लंदन और फ्रैंकफर्ट के लिहाज से जो सब्सिडी बेकार हो सकती है उनमें से कुछ भारत के लिहाज से जरूरी भी हो सकती हैं.’

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