लगता है स्टीव जॉब्स के नहीं रहने से एप्पल की छवि धूमिल होने लगी है. कुछ विश्लेषकों की नजर में अब यह महज एक प्रौद्योगिकी कम्पनी रह गई है. क्योंकि एप्पल को इस मुकाम पर लाने वाला कारक आज मौजूद नहीं है. एप्पल ने 2007 में जब पहली बार आईफोन लांच किया था, तब इसे समय से पांच साल आगे का बताया गया था.
खल रही है स्टीव जॉब्स की कमी
कुछ विश्लेषकों के मुताबिक आईफोन5 पिछले फोनों से मामूली रूप से ही बेहतर है. समाचार पत्र पीपुल डेली के मुताबिक आईफोन-5 भले ही लोकप्रिय है, लेकिन कम्पनी यदि इसी तरह पिछली प्रौद्योगिकी पर भरोसा करेगी, तो उसे नुकसान हो सकता है. इसमें कहा गया है कि टिम कुक द्वारा कम्पनी की बागडोर सम्भालने के बाद यह बस अन्य कम्पनियों की तरह ही एक प्रौद्योगिकी कम्पनी रह गई है.
फोन के लांच करने के मौके पर पहुंचने वाले अधिकतर लोगों ने इसे 4-इंच रेटिना स्क्रीन और अन्य खासियतों में वैसा ही पाया, जैसा इसे इंटरनेट पर बताया गया था. फोर्ब्स पत्रिका ने भी कहा है कि स्टीव जॉब्स की अनुपस्थिति में एप्पल सिर्फ एक प्रौद्योगिकी कम्पनी रह गई है.
आईफोन-5 के सामने बाजार में कई चुनौतियां
बाजार स्तर पर भी इसे कई ओर से चुनौती मिल रही है. आईफोन5 के बाजार में आने से एक सप्ताह पहले नोकिया और माइक्रोसॉफ्ट ने विंडो-8 ऑपरेटिंग प्रणाली के साथ एक नया फोन लांच किया. एप्पल को एंड्रायड से भी चुनौती मिल रही है. उदाहरण के तौर पर वैश्विक मोबाइल फोन बाजार में सैमसंग का 32.6 फीसदी अधिकार है, जबकि एप्पल का अधिकार लगभग 17 फीसदी बाजार पर है.
चीन की कम्पनी आईफोन-5 के लिए सिम बनाएगी
चीन की मोबाइल फोन कम्पनियां एप्पल के आईफोन5 के लिए छोटे सिम बनाना चाह रही हैं. नया आईफोन शुक्रवार को दुनिया भर में लांच हो गया, लेकिन यह चीन में उपलब्ध नहीं हो पाया. समाचार पत्र शंघाई डेली की शनिवार की रिपोर्ट के मुताबिक चाइना मोबाइल और चाइना यूनीकॉन ने कहा है कि जो लोग विदेश में आईफोन5 खरीदेंगे, उनके लिए वे छोटे सिम कार्ड उपलब्ध कर सकती हैं. आधिकारिक तौर पर देश में दिसम्बर तक आईफोन5 मिलनी शुरू हो सकती है.