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अरब सागर में चक्रवाती तूफान ‘अशोबा’, कमजोर करेगा भारत का मानसून

भारतीय मौसम विभाग आईएमडी और निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक ईस्ट-सेंट्रल अरब सागर में पनप रहा कम दबाव का क्षेत्र तूफान की शक्ल ले चुका है. यह तूफान मुंबई के तटों से 550 कीलोमीटर की दूरी पर है और 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भारतीय तटों की ओर बढ़ रहा है.

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Sattelite Image of brewing tropical story by IMD
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भारतीय मौसम विभाग आईएमडी और निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक ईस्ट-सेंट्रल अरब सागर में पनप रहा कम दबाव का क्षेत्र तूफान की शक्ल ले चुका है. यह तूफान मुंबई के तटों से 550 कीलोमीटर की दूरी पर है और 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भारतीय तटों की ओर बढ़ रहा है.

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दुनियाभर की सभी मौसम एजेंसियां, जिसमें भारत की निजी एजेंसी स्काईमेंट शामिल है, इसे चक्रवाती तूफान का दर्जा दे चुकी है. वहीं सरकारी मौसम विभाग आईएमडी मान रही है कि तूफान की गति बढ़ रही है लेकिन इसे चक्रवाती तूफान का दर्जा नहीं दिया है.

आईएमडी के मुताबिक अगले 24 घंटों में अरब सागर में यह कम दबाव का क्षेत्र और गहरा सकता है जिसके चलते महाराष्ट्र, कोंणकन और गोवा के तटीय इलाकों में 55-65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का अनुमान है. ऐसे हालात में मछुआरों को समुद्र की ओर नहीं जान चाहिए.

मौसम एजेंसियों का दावा है कि यह तूफान अगले 24 घंटों में भारत के पश्चिमी तटों से टकरा सकता है और महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात के तटीय इलाकों में तेज बारिश हो सकती है. वहीं एजेंसियों के मुताबिक, अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनने से भारतीय मानसून 5 जून को केरल के तटीय इलाकों तक पहुंचा था.

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मौसम विज्ञान के जानकारों का मानना है कि इस वक्त पर आने वाले इस चक्रवाती तूफान से दक्षिण-पश्चिम मानसून की रफ्तार पर असर डाल सकती है. गौरतलब है कि पिछले साल भी अरब सागर में पनपे नानूक तूफान ने भारत के प्रमुख दक्षिण-पश्चिम मानसून की रफ्तार को कम कर दिया था जिससे देश के कई हिस्सों में खरीफ फसलों की बुआई पर असर पड़ा था.

 

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