अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने बुधवार को एक रिपोर्ट जारी कर यूरोजोन में हुए ग्रीस समझौते की घोर निंदा की है. IMF का मानना है कि यूरोजोन सदस्यों को ग्रीस की आर्थिक दशा का बिलकुल भी अंदाजा नहीं है और ग्रीस की स्थिति उनकें आंकलन से कहीं ज्यादा खराब है.
आईएमएफ का कहना है कि यूरोजोन को ग्रीस के लिए एक नई योजना बनाने कि जरूरत है क्योंकि मौजूदा बेलआउट प्लान ना तो विस्तृत है और ना ही व्यापक.
प्रधानमंत्री सिप्रास के लिए कड़ी चुनौती
ग्रीस की मीडिया में ट्रेंड कर रही खबरों के मुताबिक देश की सत्तारूढ़ लेफ्ट पार्टी बिल के खिलाफ खड़ा होगा और वह बेलआउट पैकेज के बजाए वापस घरेलू मुद्रा दिरहम की ओर लौटने की बात रखेगा. एजेंसी सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री की सीरिजा पार्टी के लगभग 30 नेता उनके खिलाफ खड़े हो गए है और ऐसे में संसद और देश की जनता को राजी करने में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
अब ग्रीस की संसद को इस बात पर फैसला करना है कि उन्हें यूरोजोन और सिप्रास के बीच हुई सहमति मंजूर है या नहीं. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री सिप्रास के लिए कड़ी चुनौती है. हाल ही में उन्होंने डिफॉल्ट होने के फैसले के लिए कराए गए रेफेरेंडम में लोगों का विश्वास जीता था. लेकिन इसके फौरन बाद यूरो सदस्यों के साथ बैठक में वह सभी शर्तों को मान गए और नए बेलआउट पैकेज के लिए वापस संसद से मंजूरी ले रहे हैं.
ग्रीस-यूरोजोन समझौता
गौरतलब है कि रविवार को हुए समझौते के मुताबिक ग्रीस के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास अगर देश के श्रम कानून, पेंशन योजना और टैक्सों में बड़े बदलाव करने के लिए संसद से स्वीकृति ले लेते हैं तो अगले तीन साल तक ग्रीस को 86 अरब यूरो का बेलआउट पैकेज दिया जाएगा. यह पांच सालों में ग्रीस के लिए तीसरा राहत पैकेज होगा.
यूरोजोन और सिप्रास के बीच हुए समझौते के मुताबिक 86 अरब यूरो के नए बेलआउट पैकेज में से लगभग 40 से 50 अरब यूरो यूरोजोन के सदस्य देंगे. वहीं बची हुई राशि को IMF जुटाएगी और साथ ही ग्रीस की सरकारी संपत्ति को बेचकर इस रकम को पूरा किया जाएगा.