अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर भारत के लिए लगातार खुशखबरी आ रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था पर विश्वास जताने के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने यहां हो रहे सुधारों को भी सही बताया है. आईएमएफ ने कहा है कि भारत में हो रहे जीएसटी और बैंकिंग रिफॉर्म्स का फायदा देश को मिल रहा है. इससे भारत को इकोनॉमिक पावरहाउस बनने में मदद मिलेगी. आईएमएफ ने आधार को भी फायदेमंद बताया.
IMF और वर्ल्ड बैंक की स्प्रिंग मीटिंग के इतर बोलते हुए संस्था के फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर डेविड लिप्टन ने कहा कि माल एवं सेवा उत्पाद कर (जीएसटी) की वजह से भले ही कुछ समय तक परेशानी रही हो, लेकिन यह सार्वजनिक क्षेत्र के खर्च को सुधारने में मदद करेगा.
लिप्टन ने बैंकों की हालत सुधारने के लिए सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से उठाए गए ये कदम देश के समावेशी विकास को बेहतर करने में मदद करेगा. इसके साथ ही यह भारत को इकोनॉमिक पावरहाउस बनाने में भी मददगार साबित होगा.
उन्होंने कहा कि भारत में काफी कुछ किया जाना बाकी है, लेकिन भारत ने अभी तक जो किया है, उसके फायदे दिखने शुरू हो गए हैं. उन्होंने कहा कि यह फायदा देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ने के तौर पर दिख रहा है. लिप्टन ने कहा कि इस वित्त वर्ष में हमें उम्मीद है कि भारत की इकोनॉमी 7.4 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी. आने वाले साल में यह रफ्तार 7.8 फीसदी पर पहुंच जाएगी.
इसी दौरान उन्होंने भारत को अपने सार्वजनिक खर्च को नियंत्रण करने की भी हिदायत दी. उन्होंने कहा भारत जैसे बड़े देश को सार्वजनिक खर्च को नियंत्रण में रखना चाहिए. क्योंकि वित्तीय परेशानियों की वजह से अगर आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ता है, तो इससे इकोनॉमी के सामने चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं.
उन्होंने टेक्नोलॉजी को इस काम में बड़ी भूमिका निभाने वाला बताया. आधार को लेकर उन्होंने कहा कि यह एक नई व्यवस्था है. इससे कई फायदे हो सकते हैं. हालांकि इसके साथ ही कुछ दिक्कतें भी हो सकती हैं.