नोटबंदी के बाद कालाधन रखने वालों के खिलाफ अब एक बड़ा अभियान शुरू किया गया है. आयकर विभाग ने नई बेनामी विनिमय कानून के तहत देशभर में 42 मामलों में 87 नोटिस जारी किए हैं और करोड़ों की बैंक जमा कुर्क कर दिया है. इस कानून में भारी जुर्माना और अधिकतम सात साल के सश्रम कारावास के प्रावधान हैं.
सरकार की पिछले साल आठ नवंबर की नोटबंदी के बाद विभाग ने सार्वजनिक इश्तहार दिया था और यह कहते हुए लोगों को किसी अन्य के बैंक खाते में बिना हिसाबकिताब वाले पुराने नोट जमा करने के विरूद्ध चेतावनी दी थी कि उनकी इस हरकत पर बेनामी संपत्ति विनिमय अधिनियम, 1988 के तहत आपराधिक आरोप लगेंगे. यह कानून चल एवं अचल संपत्ति पर लागू है और एक नवंबर, 2016 को प्रभाव में आया.
आयकर अधिकारियों ने एक विश्लेषण रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ‘गहन जांच के बाद आयकर विभाग ने अधिनियम की धारा 24 (बेनामी विनिमय की संपत्ति पर नोटिस एवं कुर्की) के तहत 87 नोटिस जारी किए हैं. बेनामीदारों की कुल 42 संपत्तियां, जो बड़े पैमाने पर बैंक खातों में करोड़ों रुपये में और अचल संपत्ति में है, कुर्क की गयी हैं.’ आयकर विभाग देश में इस कानून को लागू करने वाला नोडल विभाग है.
अधिकारियों ने कहा कि विभाग बेनामी विनिमय अधिनियम के तहत कई सम्मन जारी कर चुका है तथा वह ऐसे और सम्मन जारी करने में जुटा है. उन्होंने कहा कि बेनामी विनिमय अधिनियम के कड़े प्रावधान लगाने का फैसला उन गंभीर मामलों के विश्लेषण के बाद किया गया जहां अनियमितताएं जबर्दस्त थीं और बेनामी खातों या जनधन खातों या निष्क्रिय खातों में संदिग्ध नकद जमा किया गया.
विभाग ने उन संदिग्ध बैंक खातों की पहचान के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया था जहां आठ नवंबर के बाद बड़ी मात्रा में नकद जमा किया गया. सरकार ने आठ नवंबर को 500 और 1000 रुपये के बड़े नोटों के चलन पर रोक लगा दी थी. अधिकारियों ने बताया कि बेनामी कानून विभाग को जमाकर्ता और उस व्यक्ति, जिसका अवैध पैसा उसने अपने खातों में जमा किया है, की संपत्ति जब्त करने एवं उन पर मुकदमा चलाने का अधिकार प्रदान करता है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसे यूं समझाया, ‘एक ऐसा इंतजाम, जहां कोई व्यक्ति किसी अन्य के बैंक खाते में इस सौदेबाजी के तहत 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट जमा कराता है कि खाता धारक उसे नये नोटों में उसका पैसा लौटा देगा, इस विनिमय को इस कानून के तहत बेनामी विनिमय समझा जाएगा.’ उन्होंने कहा, ‘इस कानून के तहत जो व्यक्ति बैंक खाते में पुराना नोट जामा कराता है उसे लाभार्थी स्वामी समझा जाएगा तथा जिसके खाते में पुराना नोट जमा कराया गया, उसे बेनामीदार माना जाएगा.’