scorecardresearch
 

अब किराये की फर्जी रसीद से टैक्स बचाना मुश्किल

अगर आप नौकरी पेशा हैं और किराये के मकान पर रहते हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद अहम हैं. एचआरए एग्जेम्पशन क्लेम के जरिए इनकम टैक्स बचाना अब पहले की तरह आसान नहीं होगा. अब आपको अपने मकान मालिक का पैन डिटेल भी देना होगा. हालांकि यह नियम सालाना 1 लाख रुपये से कम किराया देने वाले आयकरदाता पर लागू नहीं होगा.

Advertisement
X
इनकम टैक्स
इनकम टैक्स

अगर आप नौकरी पेशा हैं और किराये के मकान पर रहते हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद अहम हैं. एचआरए एग्जेम्पशन क्लेम के जरिए इनकम टैक्स बचाना अब पहले की तरह आसान नहीं होगा. अब आपको अपने मकान मालिक का पैन डिटेल भी देना होगा. हालांकि यह नियम सालाना 1 लाख रुपये से कम किराया देने वाले आयकरदाता पर लागू नहीं होगा.

Advertisement

इस संबंध में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने एक सर्कुलर जारी किया है. अगर आपके मकान मालिक के पास पैन नहीं है, तो इस संबंध में उसे डिक्लेरेशन देना होगा इसके अलावा रिटर्न भरने वाले को अपने मकान मालिक के नाम और पते का भी डिटेल देना होगा.

आपको बता दें कि अब तक प्रति माह 15,000 रुपये से कम किराया देने पर मकान मालिक के पैन की जरूरत नहीं पड़ती थी पर नए नियम लागू होने के साथ यह छूट घटकर 8,333 रुपये प्रति माह पर आ गई है.

सीबीडीटी के इस नए नियम को टैक्स चुराने पर लगाम लगाने की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है. क्योंकि कई आयकरदाता ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने के लिए किराया बढ़ा-चढ़ाकर नकली रसीद देते रहे हैं. हालांकि इंडस्ट्री के लोगों का मानना है कि नए नियम लागू होने के बाद ईमानदार टैक्स पेयर्स की भी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. क्योंकि ज्यादातर मौकों पर मकान मालिक अपने पैन डिटेल देने में कोताही बरतते हैं.

Advertisement
Advertisement