टैक्स चोरी पर अंकुश के इरादे से आयकर विभाग ने सात लाख आयकरदाताओं से पैन का ब्योरा लेने का फैसला किया है. ये वे आयकरदाता है जिन्होंने बड़ी रकम की लेनदेन की हैं या फिर उनके बैंक बचत खाते में 10 लाख रुपये से अधिक की राशि है.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, सालाना सूचना रिटर्न (एआईआर) के तहत आयकर विभाग ऐसे लेनदेन की जानकारी मिली है जहां बड़ी रकम शामिल है. इनमें 10 लाख रुपये से अधिक के कैश डिपोजिट या 30 लाख रुपये या अधिक अचल संपत्ति की खरीद फरोख्त शामिल है. इनमें से कई को पैन से नहीं जोड़ा गया है.
आयकर विभाग ने इन-हाउस कंप्यूटर तकनीक के जरिये बिना पैन के ऐसे लेनदेन की पहचान की है और इनमें से सात लाख काफी ऊंचे जोखिम वाले हैं. करीब 14 लाख बिना पैन वाले लेनदेन की जांच की गई है. बयान में कहा गया है कि विभाग के पास 2009-10 से 2016-17 के दौरान ऐसे 90 लाख लेनदेन का ब्योरा है.
बयान में कहा गया है कि विभाग ऐसे लेनदेन वाले लोगों को लेटर जारी कर उनसे इन लेनदेन के लिए अपना पैन नंबर उपलब्ध कराने को कहेगा. इसमें कहा गया है कि ऐसे संबंधित पक्षों की सुविधा के लिए ई-फाइलिंग पोर्टल पर एक नई सेवा शुरू की गई है जहां वे इलेक्ट्रॉनिक तरीके से अपना जवाब दे सकते हैं. ऐसे पक्षों से मिले ऑनलाइन जवाब की विभाग समीक्षा की जाएगी. विभाग उन मामलों में आगे की कार्रवाई करेगा जिनमें जवाब नहीं दिया जाएगा.