वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अपने बजट भाषण में आयकर दाताओं को राहत देते हुए 1 लाख 60 हजार रुपये तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगाने की घोषणा की है. इस नए घोषणा के बाद अब 1 लाख 60 हजार रुपये से ज्यादा और 5 लाख तक की आमदनी पर 10 प्रतिशत कर देना पड़ेगा. जबकि 5 लाख से अधिक और 8 लाख तक की कमाई पर 20 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा. 8 लाख रुपये से अधिक की कमाई पर अब 30 फीसदी का टैक्स देना पड़ेगा.
अबतक 1 लाख 60 हजार रुपये से ज्यादा और 3 लाख रुपये तक की आमदनी पर 10 प्रतिशत का टैक्स लगता है. 3 लाख से 5 लाख रुपये तक की आमदनी पर 20 प्रतिशत टैक्स लगता है जबकि 5 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी पर 30 फीसदी आयकर देना पड़ता है.
इसके साथ ही सरकार ने आयकर की धारी 80सी के तहत 1 लाख रुपये के निवेश पर अब तक टैक्स छूट है. जिसपर निवेश की सीमा में 20 हजार रुपये का इजाफा किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा है कि यदि कोई व्यक्ति इस निवेश के अलावा साल में 20 हजार रुपये का लांग टर्म इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड खरीदता है तो उसे इस खरीद पर टैक्स में छूट मिलेगी.
आयकर के स्लैब में बदलाव से लोगों के हाथ में अधिक धन रहेगा जिसे लेकर बाजार खासा उत्साहित है. वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने ढांचागत क्षेत्र के बांडों में निवेश पर आयकर छूट की सीमा और 20,000 रुपये बढ़ा दी है जो मौजूदा समय में एक लाख रुपये है.
उद्योग जगत को एक बड़ी राहत देते हुए सरकार ने निगमित कर पर अधिभार को मौजूदा 10 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है. हालांकि, सरकार ने न्यूनतम वैकल्पिक कर को मौजूदा 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है.