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अब इनकम टैक्स रिटर्न भरना होगा आसान, हर जिले में तैनात किए जाएंगे TRP

आयकर विभाग की रूपरेखा के अनुसार, ‘प्रत्येक जिले में पर्याप्त संख्या में टीआरपी नियुक्त करने का प्रस्ताव है. इसके लिये टीआरपी की संख्या मौजूदा 5,400 से बढ़ाकर 13,000 की जाएगी.’ इसके अनुसार, ‘प्रस्ताव के तहत देश के प्रत्येक जिले में कम से कम तीन टीआरपी होने चाहिए’. परियोजना पर काम कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसका मकसद चार्टर्ड अकाउंटेंट के पास गये बिना करदाताओं को कर रिटर्न फाइल करने को सुगम बनाना है.

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टैक्स रिटर्न प्रीपेयरर करेंगे ITR भरने में मदद
टैक्स रिटर्न प्रीपेयरर करेंगे ITR भरने में मदद

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देश के हर जिले में जल्द ही छोटे करदाताओं को आयकर रिटर्न भरने में मदद के लिये कम से कम एक प्रशिक्षित व्यक्ति होगा. आयकर विभाग ने 7,600 अतिरिक्त विशेषज्ञों की नियुक्ति का प्रस्ताव किया है. इन विशेषज्ञों की सेवाएं मोबाइल एप पर भी उपलब्ध होंगी. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 2006 की ‘टैक्स रिटर्न प्रीपेयरर’(टीआरपी) योजना को डिजिटल रूप देने और देश के सभी 708 जिलों को शामिल करने का फैसला किया है. चार्टर्ड अकाउंटेंट के मुकाबले टीआरपी कुछ राशि लेकर कर रिटर्न भरने में करदाताओं की मदद करते हैं.

आयकर विभाग की रूपरेखा के अनुसार, ‘प्रत्येक जिले में पर्याप्त संख्या में टीआरपी नियुक्त करने का प्रस्ताव है. इसके लिये टीआरपी की संख्या मौजूदा 5,400 से बढ़ाकर 13,000 की जाएगी.’ इसके अनुसार, ‘प्रस्ताव के तहत देश के प्रत्येक जिले में कम से कम तीन टीआरपी होने चाहिए’. परियोजना पर काम कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसका मकसद चार्टर्ड अकाउंटेंट के पास गये बिना करदाताओं को कर रिटर्न फाइल करने को सुगम बनाना है.

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विभाग के अधिकारी ने कहा, ‘आईटीआर रिटर्न भरना अब भी कई लोगों के लिये आसान कार्य नहीं हैं. टीआरपी योजना एक दशक पहले शुरू की गयी थी, इसके पीछे मकसद यह है कि करदाताओं को कर भरने को लेकर कम लागत पर सेवा मिले.’ उन्होंने कहा, ‘फिलहाल देश के हर जिले में टीआरपी नहीं है. कर आधार बढ़ने के साथ सरकार का करदाता सेवा बढ़ाने के निर्देश के बाद नई योजना तैयार की जा रही है.’ अधिकारी ने कहा, ‘7,600 नये टीआरपी को प्रशिक्षण दिया जाएगा और आयकर विभाग उनकी नियुक्ति करेगा.’ अधिकारी के मुताबिक नई डिजिटल योजना के तहत करदाता जल्दी शुरू होने वाला मोबाइल एप ‘आयकर मित्र’ पर लॉग इन कर करीब में काम करने वाले टीआरपी की जानकारी ले सकेंगे. यह एप उसी प्रकार का होगा जैसा कि ऑनलाइन टैक्सी सेवा प्रदाता उबर और ओला जैसी कंपनियां यात्रियों के लिये उपलब्ध कराते हैं.

 

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