बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने बचत पर लोगों को बड़ा लाभ देने की वकालत की है. टैक्स छूट की सीमा बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये से बढ़कर 2.5 लाख रुपये करने की मांग की गई है. इसके अलावा आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्स फ्री फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीमों के लिए मैच्योरिटी पीरियड एक साल किए जाने की वकालत की गई है जिससे घरेलू बचत को प्रोत्साहन मिल सके.
ब्याज पर टैक्स कटौती की सीमा घटे
वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ बजट से पहले की चर्चा के दौरान बैंकों ने यह मांग भी की कि 50,000 रुपये से अधिक के ब्याज पर टैक्स कटौती की जाए जो वर्तमान में 10,000 रुपये है.
जनधन योजना से उल्लेखनीय सुधार
जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना शुरू किए जाने के बाद 2015-16 में प्राथमिक बचत बैंक जमा खाते खोलने में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. उन्होंने कहा कि बैंक बोर्ड ब्यूरो की स्थापना और इसके ढांचे से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निष्पादन में मदद मिलेगी.
टैक्स पर विशेष सुझाव
बैठक के बाद एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी ने कहा कि कुछ टैक्स विशेष सुझाव दिए गए ताकि घरेलू बचत को प्रोत्साहित किया जा सके. वहीं, यस बैंक के प्रबंध निदेशक राणा कपूर ने कहा, एक प्रमुख बिंदु बैठक से यह निकला कि देश में कुल बचत को बढ़ाए जाने की जरूरत है. इसलिए धारा 80सी के तहत सीमा बढ़ाकर ढाई-तीन लाख रुपये करने का सुझाव दिया गया.