अमेरिका की ट्रंप की सरकार ने कहा है कि वह भारत को मिले जेनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस (जीएसपी) दर्जे को समाप्त करने के अपने निर्णय से पीछे हटने वाली नहीं है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते 4 मार्च को इस बात की घोषणा थी कि जल्द ही भारत को जीएसपी कार्यक्रम से बाहर कर दिया जाएगा. इसके लिए भारत को 60 दिनों का नोटिस दिया गया था. नोटिस की अवधि 3 मई को समाप्त हो गई. अब इस संबंध में किसी भी समय औपचारिक अधिसूचना जारी की जा सकती है.
अमेरिका के एक अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा, ‘‘पिछले एक साल से भारतीय समकक्षों के साथ जारी बातचीत के बाद अंततः मार्च में हमें यह घोषणा करनी पड़ी कि भारत को अब जीएसपी के तहत मिलने वाले लाभ से वंचित रखा जाए.’’ अधिकारी के मुताबिक निलंबन अब तय है. उन्होंने कहा, ''अब काम यह है कि हम आगे कैसे बढ़ते हैं. आगे की राह तलाशने के लिये हम नरेंद्र मोदी की दूसरी सरकार के साथ किस तरह से काम कर पाते हैं?’’
जीएसपी खत्म होने का मतलब क्या है
जीएसपी खत्म होने का मतलब यह हुआकि भारत अब जिन प्रोडक्ट को अमेरिका में बेचेगा उस पर वहां की सरकार टैक्स लगाएगी. अब तक भारत बिना टैक्स के कुछ प्रोडक्ट का निर्यात करता है. अमेरिका के इस कदम को द्विपक्षीय रिश्तों के लिहाज से बड़ा झटका माना जा रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के केमिकल्स और इंजिनियरिंग जैसे सेक्टरों के करीब 1800 से ज्यादा छोटे-बड़े प्रोडक्ट पर जीएसपी का फायदा मिलता है.
कहने का मतलब यह है कि भारतीय बाजार से ये प्रोडक्ट अमेरिकी बाजार में बिना किसी टैक्स या मामूली ड्यूटी चार्ज के पहुंचते हैं. जाहिर सी बात है कि इन प्रोडक्ट पर अब टैक्स लगाना भारत के लिए एक झटका है. बता दें कि भारत जीएसपी के तहत अमेरिका को 5.6 अरब डॉलर (करीब 40 हजार करोड़ रुपये) के सामानों का निर्यात करता है.