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#BoycottChina से घबराईं चीनी कंपनियां, ग्लोबल टाइम्स ने दी ये सलाह

हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद भारत की सख्ती का असर चीनी कंपनियों पर पड़ने लगा है. यह दावा खुद चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने किया है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

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  • भारत में जारी है चीनी सामानों का विरोध
  • ग्लोबल टाइम्स ने विरोध पर जताई चिंता

लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव का असर व्यापार पर दिखने लगा है. भारत सरकार चीन से आने वाले माल पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का मूड बना रही है. इसे लेकर कॉमर्स मंत्रालय, वित्त मंत्री के साथ बातचीत कर रहा है. भारत की सख्ती का असर चीनी कंपनियों पर पड़ने लगा है. यह दावा खुद चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने किया है.

ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, भारत और चीन के बीच सरहद पर तनाव का सबसे अधिक असर चीनी कंपनियों पर पड़ा है. चाइनीज मोबाइल कंपनी ओप्पो को अपना लाइव इवेंट कैंसिल करना पड़ा. ओप्पो लाइव इवेंट के जरिए अपने 5जी फोन को भारतीय मार्केट में लॉन्च करने वाला था, लेकिन चीनी सामानों के विरोध के कारण उसने पैर पीछे खींच लिया.

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ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि दोनों सरकारों ने कुछ हद तक सरहद पर तनाव कम करने की कोशिश की है और व्यवसाय चाहता है कि आर्थिक और व्यापार सहयोग बना रहे, लेकिन भारत में चीन विरोधी भावना बढ़ने से संभावित जोखिमों के बारे में चीनी व्यवसायों को सलाह दी जानी चाहिए.

ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि चीनी कंपनियों को अपनी पूंजी और कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. उन्हें सबसे खराब स्थिति के लिए सावधानी पूर्वक तैयार रहना चाहिए और अपने भारत के निवेश और उत्पादन की योजना को तब तक जारी रखने पर विचार करना आवश्यक है, जब तक कि दोनों पड़ोसियों के बीच सीमा संकट का समाधान नहीं हो जाता.

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ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, जहां तक मौजूदा स्थिति का संबंध है, इस बात से कोई इनकार नहीं करता है कि चीन और भारत के बीच सीमा विवाद द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापारिक संबंधों पर असर डालेगा, क्योंकि भारत में चीन विरोधी भावना कुछ समय के लिए जारी रहेगी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि चीनी कंपनियों को बेकार बैठना चाहिए.

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चीनी कंपनियों को सलाह देते हुए ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि कंपनियों को शांत नहीं बैठना चाहिए. अगर संभव हो, तो उन्हें अपने निवेश में विविधता लाने और संभावित वैकल्पिक बाजारों की तलाश के बारे में सोचना चाहिए. हमें उम्मीद है कि भारत सरकार सभी चीनी कर्मियों, साथ ही सभी चीनी व्यवसायों और उनकी संपत्ति के लिए आवश्यक सुरक्षा प्रदान करेगी.

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ग्लोबल टाइम्स का मानना है कि हिंसक झड़प कुछ ऐसी थी जिसका न तो कोई देश अनुमान लगा सकता था और न ही देखना चाहता था. इस झड़प के परिणामस्वरूप भारत में बढ़ते राष्ट्रवादी बुखार ने पहले ही द्विपक्षीय संबंधों और आर्थिक संबंधों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है.

गौरतलब है लद्दाख सीमा पर 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद भारत गुस्से में है और जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. लोग चीनी सामानों का बहिष्कार करने की मांग कर रहे हैं. इसका असर चीनी कंपनियों पर पड़ रहा है. कई जगह पर चीनी कंपनियों के होर्डिंग को हटा दिया गया है.

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