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मोदी सरकार के लिए इकोनॉमी की एक साथ दो नेगेटिव खबरें, सुस्ती में कोरोना ने बढ़ाई परेशानी

Indian Economy इकोनॉमी के मोर्चे पर एक साथ दो नेगेटिव खबरें आई हैं. आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने 2020 के लिये जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है, वहीं एक सर्वे के मुताबिक फरवरी महीने में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां सुस्त पड़ गई हैं.

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इकोनॉमी की नेगेटिव खबरों ने मोदी सरकार की बढ़ाई चिंता (फाइल फोटो: Getty Images)
इकोनॉमी की नेगेटिव खबरों ने मोदी सरकार की बढ़ाई चिंता (फाइल फोटो: Getty Images)

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  • दो नेगेटिव खबरों ने इकोनॉमी पर बढ़ाई चिंता
  • ओईसीडी ने जीडीपी ग्रोथ अनुमान घटाया
  • कोरोना की वजह से जीडीपी ग्रोथ की चाल कम
  • फरवरी महीने में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां सुस्त

मोदी सरकार के लिए इकोनॉमी के मोर्चे पर एक साथ दो नेगेटिव खबरें आई हैं. एक तरफ आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने कोरोना के असर को देखते हुए इस साल यानी 2020 के लिये जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है, वहीं एक सर्वे के मुताबिक फरवरी महीने में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां सुस्त पड़ गई हैं.

कोरोना की वजह से जीडीपी अनुमान में कमी

वैश्विक संस्था आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने वर्ष 2020 के लिये भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर अनुमान को घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया. इसके पहले OECD ने इसके 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था. खतरनाक कोरोना वायरस के घरेलू के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए यह कदम उठाया गया है.

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क्या कहा ओईसीडी ने

ओईसीडी ने कहा कि भरोसा, वित्तीय बाजार, यात्रा क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव तथा आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने को देखते हुए जी-20 के सभी देशों की 2020 के लिये वृद्धि दर को कम किया गया है. आर्थिक वृद्धि दर खासकर उन देशों की कम की गयी है, जो चीन से जुड़े हुए हैं. भारत विकसित और विकासशील देशों का समूह जी-20 का सदस्य देश है.

ओईसीडी के अंतरिम आर्थिक परिदृश्य अनुमान के अनुसार भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर एक अप्रैल 2020 से शुरू वित्त वर्ष में 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है और अगले वित्त वर्ष में यह सुधरकर 5.6 प्रतिशत रह सकती है. वित्त वर्ष 2020-21 के लिये ताजा अनुमान नवंबर 2019 के अनुमान के मुकाबले 1.1 प्रतिशत अंक कम है.

गौरतलब है कि संसद में पेश आर्थिक समीक्षा के अनुसार देश की आर्थिक वृद्धि दर 2020-21 में 6 से 6.5 प्रतिशत रह सकती है. वहीं राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने देश की जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. ओईसीडी ने मार्च 2020 को समाप्त वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ महज 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस के कारण मानवीय नुकसान के आर्थिक बाधाएं उत्पन्न हुई हैं.

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फरवरी में मैन्युफैक्चरिंग सुस्त

आईएचएस मार्किट के सर्वे के अनुसार भारत में फरवरी महीने में निक्केई मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) घटकर 54.5 फीसदी रह गया है. जनवरी महीने में यह 55.3 पर था. सर्वे केमुताबिक मांग और उत्पादन दोनों में कमी होने की वजह से पीएमआई में यह गिरावट आई है.

हालांकि यह पिछले 2 साल से 50 के ऊपर बना हुआ है, जिसका मतलब यह होता है कि मैन्युफैक्चरिंग में गिरावट नहीं है, इसमें बढ़त हो रही है, लेकिन यह सुस्त है. हालांक‍ि सर्वे में यह भी कहा गया है कि फरवरी में भारतीय कंपनियों को अच्छे ऑर्डर मिले हैं, जिसकी वजह से आगे उत्पादन बढ़ेगा.

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