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कंपनियों को बजट के बाद कारोबार में सुधार की उम्मीद

आगामी बजट में आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने के उपायों की उम्मीद जताते हुए भारतीय कंपनियों को भरोसा है कि आने वाले महीनों में कारोबारी धारणा सुधरेगी और कुल मिलाकर स्थितियां बेहतर होंगी.

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आगामी बजट में आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने के उपायों की उम्मीद जताते हुए भारतीय कंपनियों को भरोसा है कि आने वाले महीनों में कारोबारी धारणा सुधरेगी और कुल मिलाकर स्थितियां बेहतर होंगी.

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उद्योग मंडल फिक्की और पीएचडी चैंबर द्वारा अलग-अलग कराए गये एक सर्वेक्षण में ज्यादातर भारतीय कंपनियों ने कहा कि औद्योगिक घरानों के बीच सकारात्मक सोच है और उन्हें कारोबारी स्थितियां बेहतर होने की उम्मीद है जिससे बिक्री बढ़ेगी और लाभ मार्जिन भी बढ़ेगा.

फिक्की ने अपने व्यावसायिक विश्वास सर्वे में कहा कि ज्यादातर कंपनियां अगली तिमाही को लेकर आशावान हैं और उन्हें उम्मीद है कि सरकार आगामी बजट में आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने के उपायों की घोषणा करेगी.

फिक्की की अध्यक्ष नैना लाल किदवई ने कहा, ‘यद्यपि आर्थिक स्थिति लगातार मुश्किल बनी हुई है और कारोबारी धारणा कमजोर बनी हुई है, इसके बावजूद हमें अगली तिमाही में स्थितियां सुधरने की उम्मीद नजर आती है.’

इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए पीएचडी चैंबर ने अपने अध्ययन में कहा कि देश में दीर्घकाल में कारोबारी संभावनाएं बेहतर नजर आती है क्योंकि ज्यादातर कंपनियों ने अगले तीन सालों में अपने कारोबार का विस्तार करने की योजना बनाई है.

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पीएचडी ने कहा कि प्रभावी नीतिगत हस्तक्षेप और सुधारवादी उपायों से कंपनियों के लिए भारी निवेश का रास्ता खुलेगा. पीएचडी चैंबर के अध्यक्ष सुमन ज्योति खतान ने कहा, ‘बेहतर नीतियों वाला परिवेश उपलब्ध कराने और निवेशकों को भरोसा दिलाने के लिये यह सबसे अच्छा मौका है जिसमें नई परियोजनाओं, नीतियों, उत्पादों और भागीदारी के लिये नई संभावनाओं के द्वारा खोलने का वादा किया जाना चाहिये.’

दोनों ही सर्वेक्षण में रिजर्व बैंक के नीतिगत दरों में कमी लाने के हाल के कदम को निवेशक धारणा में सुधार के अनुकूल बताया गया और उम्मीद जताई गई कि इससे निकट भविष्य में निवेश बढ़ेगा.

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