ग्लोबल ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टैनली ने 2017 के लिए भारत के बारे में अपना मुद्रास्फीति अनुमान घटाकर 3.1 फीसदी कर दिया है जो पहले 3.6 फीसदी था. इसके पीछे अहम कारण माल एवं सेवाकर (जीएसटी) का लागू होना और मानसून का बेहतर रहने की उम्मीद होना है.
हालांकि जून में मुख्य मुद्रास्फीति अपने निचले स्तर पर आ गई है लेकिन फिर भी उसमें धीरे-धीरे वृद्धि का रूझान देखा जा सकता हॉ. मॉर्गन स्टैनली रिसर्च ने वर्ष 2017 के लिए अपने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक सीपीआई आधारित मुख्य मुद्रास्फीति का अनुमान 3.6 फीसदी से घटाकर 3.1 फीसदी किया है.
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जबकि 2018 के लिए इसे उसने 4.6 फीसदी से घटाकर 4.3 फीसदी किया है. चालू वित्त वर्ष में मुख्य सीपीआई मुद्रास्फीति 3.2 फीसदी रहने का अनुमान है जो पहले 4 फीसदी का अनुमान था. इसी प्रकार वित्त वर्ष 2018-19 के लिए यह 4.5 फीसदी से घटाकर 4.3 फीसदी किया गया है.
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रिपोर्ट में इन अनुमानों मे सुधार का प्रमुख कारण खाद्य मुद्रास्फीति में सालाना आधार पर कमी आना और दूसरा जीएसटी का लागू होना है. साथ ही आवास किराया भात्ते में बढ़ोत्तरी और मानसून के अच्छे रहने की उम्मीद में भी मुद्रास्फीति का अनुमान घटाया गया है.