अमेरिका ने ईरान से कच्चे तेल के आयात के लिए जो छूट दी थी वह आज यानी 2 मई से खत्म हो गई है. राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की थी कि 2 मई से ईरान से तेल आयात बंद करना होगा और जो देश ऐसा नहीं करेगा उसे प्रतिबंधों का सामना करना होगा. ट्रंप की इस घोषणा के बाद ही भारत ने दूसरे विकल्पों पर विचार करना शुरू कर दिया था. भारत अब अमेरिका, इराक और सऊदी अरब जैसे देशों से कच्चे तेल की आपूर्ति पर निर्भर रहेगा. पिछले वर्षों में इराक, सऊदी अरब और अमेरिका से भारत में कच्चे तेल का आयात लगातार बढ़ा भी है.
अमेरिका के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर भारत और चीन पर पड़ने वाला है. इससे भारत के लिए कच्चे तेल की लागत तीन से पांच फीसदी बढ़ जाने की आशंका है. इससे महंगाई बढ़ सकती है और रुपये में गिरावट आ सकती है. अगर सऊदी अरब और उसके सहयोगी देश तेल आपूर्ति बढ़ाते हैं तो ही कीमतें स्थिर रह पाएंगी.
अमेरिका से चार गुना बढ़ा आयात
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इराक ने लगातार दूसरे साल भारत को सबसे ज्यादा कच्चे तेल की आपूर्ति की है. इराक ने वित्त वर्ष 2018-19 में भारत की जरूरतों के पांचवें हिस्से की आपूर्ति की है. वहीं, इस दौरान अमेरिका से कच्चे तेल की आपूर्ति में चार गुनी वृद्धि हुई है. अमेरिका की भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति 2018-19 में चार गुना बढ़कर 64 लाख टन हो गई. 2017-18 में भारत ने अमेरिका से 14 लाख टन तेल का आयात किया था. अमेरिका ने 2017 में भारत को कच्चे तेल बेचना शुरू किया था. भारत ने प्रारंभिक तौर पर 2018-19 में कुल 20.7 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात किया. यह इससे पिछले वित्त वर्ष के 22 करोड़ टन से कम है.
सबसे ज्यादा तेल इराक से आता है
सऊदी अरब पारंपरिक तौर पर भारत को तेल की आपूर्ति करने वाला शीर्ष देश रहा है, लेकिन 2017-18 में पहली बार इराक ने सऊदी अरब का स्थान छीन लिया था. डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ कॉमर्शियल इंटेलीजेंस ऐंड स्टैटिस्टिक्स (DGCIS) के आंकड़ों के मुताबिक, इराक ने अप्रैल 2018 से मार्च 2019 के दौरान भारत को 4.66 करोड़ टन कच्चा तेल बेचा. यह वित्त वर्ष 2017-18 के 4.57 करोड़ टन की तुलना में 2 प्रतिशत अधिक है. सऊदी अरब ने 2018-19 में 4.03 करोड़ टन कच्चे तेल का भारत में निर्यात किया, जो कि 2017-18 में 3.61 करोड़ टन तेल के निर्यात से अधिक है.
ईरान से हुआ था 2.39 करोड़ टन तेल का आयात
ईरान भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है. अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते भारत ने फिलहाल ईरान से कच्चे तेल का आयात रोक दिया है. आंकड़ों के मुताबिक, ईरान ने 2018-19 में भारत को 2.39 करोड़ टन कच्चे तेल की आपूर्ति की. यह इससे पिछले वित्त वर्ष में 2.25 करोड़ टन था. संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), भारत को तेल आपूर्ति के मामले में वेनेजुएला को पछाड़कर चौथे स्थान पर आ गया है. 2018-19 में यूएई ने भारत को 1.74 करोड़ टन जबकि वेनेजुएला ने 1.73 करोड़ टन कच्चा तेल बेचा. 2017-18 में वेनेजुएला ने 1.83 करोड़ टन और यूएई ने 1.42 करोड़ टन तेल की आपूर्ति की थी.
इसके बाद, भारत को कच्चे तेल आपूर्ति के मामले में नाइजीरिया का नंबर आता है. नाइजीरिया ने 2017-18 में 1.81 करोड़ टन की तुलना में 2018-19 में 1.68 करोड़ टन कच्चे तेल की आपूर्ति की. वहीं, कुवैत ने 1.07 करोड़ टन और मैक्सिको ने 1.02 करोड़ टन कच्चे तेल की आपूर्ति की.
भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाले देश
देश | वर्ष 2017-18 | वर्ष 2018-19 |
इराक | 4.57 करोड़ टन | 4.66 करोड़ टन |
सऊदी अरब | 3.61 करोड़ टन | 4.03 करोड़ टन |
ईरान | 2.25 करोड़ टन | 2.39 करोड़ टन |
यूएई | 1.42 करोड़ टन | 1.75 करोड़ टन |
वेनेजुएला | 1.83 करोड़ टन | 1.73 करोड़ टन |
नाइजीरिया | 1.81 करोड़ टन | 1.68 करोड़ टन |
कुवैत | 1.1 करोड़ टन | 1.07 करोड़ टन |
मैक्सिको | 0.99 करोड़ टन | 1.02 करोड़ टन |
(स्रोत: डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ कॉमर्शियल इंटेलीजेंस ऐंड स्टैटिस्टिक्स)