गिरते रुपये और बढ़ती महंगाई के बीच नोकिया ने भारत छोड़ जाने की चेतावनी दी है. फिनलैंड की दिग्गज मोबाइल कंपनी ने सरकार से कहा है कि भारत 'कम से कम अनुकूल बाजार' में बदल चुका है और अब यहां से विदाई लेना ही ठीक है.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, 19 जून को लिखी इस चिट्ठी में नोकिया ने कहा है कि चीन में उत्पादन करना और फिर माल को भारत में आयात करना बेहतर आइडिया है. कंपनी ने चेताया है कि भारत में काम करने में एक 'राजनीतिक खतरा' है, जिसका असर भविष्य के निवेश पर पड़ सकता है.
मोबाइल कंपनी ने सरकार से कहा है कि वह जितनी जल्दी हो सके भारतीय बाजार की छवि सुधारने की दिशा में काम शुरू करे.
दरअसल, नए इनकम टैक्स विवादों और वैट के रिफंड में देरी के चलते नोकिया ने यह धमकी दी है. मौजूदा आर्थिक हालात में, जब एफडीआई की हालत पतली है और संस्थागत निवेशक हाथ पीछे खींच रहे हैं, भारत सरकार के लिए यह जबरदस्त झटका हो सकता है.
कागज पर नहीं भेजी चिट्ठी
बेहद कड़ी भाषा में लिखी गई यह चिट्ठी कागज पर नहीं भेजी गई. नोकिया ने एक संक्षिप्त संदेश वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय को भेजा. कुछ राहत की बात यह है कि तकनीकी रूप से जब तक कोई चिट्ठी कागज पर नहीं भेजी जाती, उसे आधिकारिक नहीं माना जाता.
बताया जा रहा है कि तमिलनाडु सरकार की ओर से वैट रिफंड न होने से नोकिया के लिए माल को चीन भेजना और भारत में आयात करना काफी महंगा हो गया है.
समझौता ज्ञापन (MoU) के तहत, घरेलू बाजार में बिके अपने फोन्स पर नोकिया जो वैट चुकाती है, उसका 4 फीसदी तमिलनाडु सरकार को लौटाना होता है. नोकिया ने अपनी चिट्ठी में लिखा है, 'राज्य ने समझौता ज्ञापन के मुताबिक काम नहीं किया है.'