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नई विदेश व्यापार नीति बुधवार को, निर्यात बढ़ाने पर रहेगा जोर

सरकार बुधवार को नई विदेश व्यापार नीति घोषित करेगी, जिसमें निर्यात बढ़ाने के उपायों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. यह बात एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही. विदेश व्यापार नीति आम तौर पर अप्रैल में जारी की जाती है. इसमें आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और रोजगार पैदा करने के उद्देश्य के साथ निर्यात बढ़ाने के लिए दिशा निर्देश उपलब्ध कराए जाते हैं.

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Nirmala Sitharaman
Nirmala Sitharaman

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सरकार बुधवार को नई विदेश व्यापार नीति घोषित करेगी, जिसमें निर्यात बढ़ाने के उपायों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. यह बात एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही. विदेश व्यापार नीति आम तौर पर अप्रैल में जारी की जाती है. इसमें आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और रोजगार पैदा करने के उद्देश्य के साथ निर्यात बढ़ाने के लिए दिशा निर्देश उपलब्ध कराए जाते हैं.

देश का निर्यात लगातार तीसरे महीने फरवरी में 15 फीसदी से अधिक गिरावट के साथ 21.54 अरब डॉलर रहा. व्यापार घाटा हालांकि घटकर 6.85 अरब डॉलर दर्ज किया गया, लेकिन इसमें मुख्य योगदान अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल मूल्य में गिरावट का रहा.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय ने वाणिज्य मंत्री की अध्यक्षता में बोर्ड ऑफ ट्रेड की बैठक नहीं कराई, जैसी की प्रथा रही है.

बोर्ड ऑफ ट्रेड के सदस्यों में प्रमुख उद्योगपति और निर्यातकों की संस्था फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (एफआईईओ) और निर्यात संवर्धन परिषद के प्रतिनिधि शामिल होते हैं और उनके विचारों को नीति में जगह दी जाती है.

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अमेरिका जैसे प्रमुख साझेदारों के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों के बारे में फॉरेन पॉलिसी पत्रिका ने पिछले महीने के अंक में कहा था कि दोनों देशों में व्यापार युद्ध छिड़ सकता है, क्योंकि दोनों के बीच के विवाद सामने आ रहे हैं.

मुख्य विवादों में शामिल हैं बौद्धिक संपदा सुरक्षा
पत्रिका के मुताबिक, अमेरिका की कुछ धनाढ्य औषधि कंपनियां चाहती हैं कि भारत अपना नियामकीय ढांचा मजबूत करे. पत्रिका के मुताबिक, इधर भारतीय जेनरिक कंपनियों को डर है कि यदि भारत अमेरिका जैसी पेटेंट सुरक्षा व्यवस्था अपनाएगा, तो कारोबार का एक बड़ा हिस्सा उनके हाथ से निकल जाएगा.

एशिया प्रशांत के 12 देशों के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता 'ट्रांस पैसिफिक पार्टनरशिप' (टीपीपी) में आईपीपी एक बड़ा मुद्दा है. चीन और भारत टीपीपी में शामिल नहीं हैं. पत्रिका में कहा गया है कि भारत को टीपीपी से होने वाले नुकसान के केंद्र में बौद्धिक संपदा नियमन भी होगा.

- इनपुट IANS

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