ग्लोबल रेंटिग एजेंसी मूडीज ने आज कहा कि अगर भारत सरकार सुधार का एजेंडा लागू करती है और अगले साल मुद्रास्फीति जैसे प्रमुख आर्थिक संकेतक नियंत्रण में रहते हैं तो देश की रेटिंग में सुधार हो सकता है.
रेंटिग एजेंसी मूडीज ने कहा अगर मूडीज की उम्मीद के अनुरूप धीरे-धीरे ही सही लेकिन अगर क्रेडिट सुधरता है और मुद्रास्फीति, राजकोषीय एवं चालू खाते के अनुपात में हालिया सुधार बरकरार रहता है तो भारत की रेटिंग सुधारी जा सकती है.
सुधर सकती है भारत की रेटिंग
मूडीज ने भारत के लिए बीएए3 की रेटिंग दी थी. मूडीज ने 2004 से भारत के लिए बीएए3 की रेटिंग निर्धारित की है. मूडीज ने भारत सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा नीतिगत प्रगति और अगले साल इकोनॉमिक इंडीकेटर उम्मीद से बेहतर रहते हैं तो रेटिंग सुधारी जा सकती है.
रफ्तार धीमी रही तो नहीं बढ़ेगी रेटिंग
मूडीज ने हालांकि यह भी किया कि अगर नीतिगत सुधार की प्रक्रिया में बदलाव या इसकी रफ्तार धीमी होती है या बैंकिंग प्रणाली के पैमाने लगातार कमजोर होते हैं. साथ ही अगर आयात से जुड़ा विदेशी मुद्रा भंडार का दायरा कम होता है तो रेटिंग फिर से स्थिर हो सकता है.
सख्त नीतियों से आर्थिक संतुलन में मदद
मूडीज ने कहा कि कच्चे तेल की कीमत और सख्त राजकोषीय एवं मौद्रिक नीतियों से आर्थिक संतुलन में मदद मिली है. रिपोर्ट में कहा गया कि इस साल भारत की ग्रोथ रेट सात प्रतिशत रहेगी और इसके बावजूद यह अपने समकक्ष देशों को पार कर सकता है जैसा कि इसने पिछले दशक में किया है. मूडीज ने कहा कि सरकार का निजी निवेश , विशेष तौर पर विनिर्माण में सुधार की कोशिश अर्थव्यवस्था के सुधार में प्रमुख भूमिका निभाएगी.