ग्रीस के मतदाताओं द्वारा ऋणदाताओं के राहत पैकेज के प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बाद बाजारों में डर के बीच सरकार ने सोमवार को कहा कि भारत इस संकट से भली भांति सुरक्षित है लेकिन विदेशी निवेश की निकासी हुई तो रुपये पर असर पड़ सकता है.
देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमणियम ने कहा, यह एक नाटक है जो अभी कुछ समय तक चलेगा. हम कम से कम तीन तरीकों से बहुत अच्छी तरह से सुरक्षित हैं. हमारी वृहद आर्थिक स्थिति काफी मजबूत है. हमारे पास (विदेशी) मुद्रा भंडार है. हमारी अर्थव्यवस्था अब भी निवेश का एक आकर्षक स्थान है. इसलिए मेरी राय में हम भली भांति बचे हुए हैं.
उल्लेखनीय है कि यूनान के लोगों ने जनमत संग्रह में ऋणदाताओं के राहत पैकेज को कल खारिज कर दिया जिससे उसकी यूरो क्षेत्र की सदस्यता पर आशंका के बादल मंडराने लगे हैं. उन्होंने कहा, जहां तक संकट का सवाल है तो यह लंबा और दीर्घकाल तक चलेगा. जर्मनी व फ्रांस के राष्ट्र प्रमुखों की मंगलवार बड़ी बैठक होने वाली है. देखते हैं, अब यूरोप को प्रतिक्रिया देनी है. इस संकट के भारतीय अर्थव्यवस्था पर संभावित असर के बारे में उन्होंने कहा, इस तरह के हालात में आमतौर पर डालर, सुरक्षित गंतव्यों की ओर जाता है. इसका असर रुपये पर भी पड़ सकता है. लेकिन अभी तक कुछ भी असामान्य नहीं है.
सुब्रमणियम ने कहा कि संकट के सामने आने के साथ ही, वित्तीय बाजारों में उतार चढाव होने वाला है. ईसीबी व फेड को इस पर ध्यान देना होगा. वहीं वित्त सचिव राजीव महर्षि ने कहा कि सरकार हालात पर करीबी निगाह रखे हुए है क्योंकि भारत पर अप्रत्यक्ष रूप से असर पड़ सकता है. उन्होंने कहा, हमें देखना होगा कि अब यूरो का रुख क्या रहता है. हम ग्रीस के हालात पर करीबी निगाह रखे हैं. फेड (बैंक) की ब्याज दर बढोतरी पर कुछ असर हो सकता है. उन्होंने कहा, भारत पर कुछ अप्रत्यक्ष रूप से असर हो सकता है. महर्षि ने अपनी इस टिप्पणी की व्याख्या नहीं की.
सोमवार को शुरूआती कारोबार में मुंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 250 अंक गिरकर 28,000 से नीचे आ गया था. वाणिज्य सचिव राजीव खेर ने कुछ दिन पहले कहा था कि यदि ग्रीस संकट से यूरोपीय संघ प्रभावित हुआ तो भारत के निर्यात पर असर हो सकता है. पर उन्होंने भी ग्रीस का भारत पर सीधा असर होने की संभावना से इनकार किया था.