इंडिया टुडे कॉनक्लेव 2017 के पांचवे सत्र दि गवर्नेंस एजेंडा में केन्द्रीय मंत्री वेकैय्या नायडू, रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावाडेकर शामिल हुए. इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे समूह के एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा ने किया. इस सत्र में देश को अधिक साक्षर, डिजिटल और स्मार्ट बनाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की गई.
इंडिया टुडे कॉनक्लेव 2017 के इस सत्र पर बोलते हुए केन्द्रीय मंत्री वेंकैय्या नायडू ने कहा कि केन्द्र सरकार के मंत्री इस मंच पर इसलिए हैं क्योंकि यहां देश के भविष्य की चर्चा हो रही है. नायडू ने बताया कि देश को स्मार्ट बनाने के लिए जरूरी है कि देश में स्मार्ट सिटी का निर्माण तेजी से किया जाए. स्मार्ट सिटी से नायडू का मतलब ऐसा शहर जो भविष्य में देश की चुनौतियों का सामना करते हुए नागरिकों को एक अच्छा जीवन दे.
नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में 100 स्मार्ट सिटी का लक्ष्य है. इन शहरों को स्मार्ट बनाना का प्लान दिल्ली में नहीं तैयार किया जाएगा. शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए बेहद जरूरी है कि प्रत्येक शहर को उसकी जरूरतों और उसके लोगों की सोच के साथ विकसित किया जाए. नायडू ने कहा कि स्मार्ट सिटी महज सरकार की कोशिशों से नहीं तैयार किया जा सकता. इसके लिए जरूरी है कि इन शहरों में रहने वाले लोग अपनी जिम्मेदारी निभाएं और अपने स्मार्ट सिटी को विकसित करें.
वेंकैय्या नायडू के मुताबिक स्मार्ट सिटी का सपना बिना सबके लिए घर बनाए पूरा नहीं किया जा सकता है. केन्द्र सरकार देश में सस्ते घर के जरिए इस सपने को पूरा करने की पूरी तैयारी कर चुकी है. नायडू के मुताबिक केन्द्र सरकार अपना दायित्व निभा रही है. अब इसमें जरूरत है कि पूरा देश अपना योगदान करे जिसे भविष्य का भारत अथवा नए भारत का उदय हो सके.
राज्यों को कमर कसने की जरूरत
इस सत्र के दौरान ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंनगप्पा ने पूछा कि केन्द्र सरकार ने 2 साल पहले स्मार्ट सिटी की घोषणा कर दी है और 100 शहरों की लिस्ट बना ली है. लेकिन इन्हें स्मार्ट बनाने के लिए सरकार ने अभी तक क्या कदम उठाए हैं? नायडू ने कहा कि बीते 2 साल के दौरान केन्द्र सरकार ने शहरों को स्मार्ट बनाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया है. इस काम को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी इंफ्रा अपनी जगह पर है. अब केन्द्र सरकार राज्यों से लैंड और हाउसिंग के क्षेत्र में अपना योगदान करने का इंतजार कर रही है. नायडू ने कहा कि केन्द्र सरकार किसी भी कार्यक्रम का ढ़ांचा तैयार कर सकती है लेकिन उसे लागू करना राज्य सरकार का काम है.