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E- Conclave: दिग्गज बोले- इकोनॉमी को सरकारी राहत, टैक्स कट और आक्रामक नीति बचा सकती है

कारोबार जगत के दिग्गजों ने कहा कि सरकारी राहत, टैक्स कट, आक्रामक नीति ही इकोनॉमी को बचा सकती है. इंडिया टुडे ई-कॉन्क्लेव जम्प स्टार्ट के पहले सत्र 'राइजिंग फ्रॉम कोरोना कोमा' में शामिल इंडस्ट्री दिग्गजों ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि गैर जरूरी सामान की बिक्री तभी होगी, जब लोगों के पास खर्च करने लायक इनकम होगी. इसमें चार से छह महीने लग सकते हैं.

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सं​गठित रिटेल जैसे कई सेक्टर का कारोबार जमने में काफी समय लग सकता है
सं​गठित रिटेल जैसे कई सेक्टर का कारोबार जमने में काफी समय लग सकता है

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  • इंडिया टुडे ई-कॉन्क्लेव में शामिल हुए इंडस्ट्री के दिग्गज
  • उन्होंने इकोनॉमी को बचाने के लिए दिए कई सुझाव
  • उन्होंने कहा कि सरकार को आक्रामक नीति अपनानी होगी

कारोबार जगत के दिग्गजों ने कहा कि इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए सरकार को टैक्स कट करना होगा और लोगों की इनकम बढ़ाने की कोशिश करनी होगी. दिग्गजों ने कहा कि सरकारी राहत, टैक्स कट, आक्रामक नीति ही इकोनॉमी को बचा सकती है. इंडिया टुडे ई-कॉन्क्लेव जम्प स्टार्ट के पहले सत्र 'राइजिंग फ्रॉम कोरोना कोमा' में शामिल इंडस्ट्री दिग्गजों ने यह बात कही.

इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे टीवी के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल ने किया. इस सत्र में टीवीएस समूह के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन, अरविंद लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर कुलिन लालभाई, सलेक्ट ग्रुप के चेयरमैन अर्जुन शर्मा, इंडस्ट्री चैम्बर सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी, इंडियन होटल्स कंपनी के सीईओ पुनीत चटवाल और अरबन क्लैप के को-फाउंडर वरुण खेतान शामिल हुए.

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अरविंद लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर कुलिन लालभाई ने कहा, 'लोगों के पास खर्च करने लायक आमदनी होने और कारोबार की वापसी में 4 से 6 महीने लग जाएंगे. हमारा बिजनेस आएगा, लेकिन कोविड के पहले वाले दौर में इतनी जल्दी नहीं आ पांएंगे. सेफ मैन्युफक्चरिंग करनी होगी. ग्राहक जब सेफ समझेगा तभी रिटेल तक आएगा और इंडस्ट्री को सेफ शॉपिंग का भरोसा देना होगा.'

उन्होंने कहा, 'जब तक डोमेस्टिक डिमांड नहीं आती, रिटेलर के लिए बहुत चैलेंज है. हम मुश्किल से गुजर रहे हैं, कारखाने खोलने में कई तरह के हार्ड वर्क करने पड़ रहे हैं. लालभाई ने कहा कि रिटेल कारोबार को दो हिस्सों में देखना चाहिए. जरूरी सामान और गैर जरूरी सामान. गैर जरूरी सामान की बिक्री तभी होगी, जब लोगों के पास खर्च करने लायक इनकम होगी. इसमें चार से छह महीने लग सकते हैं.

सरकारी राहत नहीं तो जीडीपी में आएगी गिरावट!

टीवीएस समूह के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन ने कहा कि ऑटो सेक्टर में तब तक वापसी नहीं कर सकता जब तक सरकार कर राहत नहीं देती. उन्होंने कहा, 'मांग बढ़ेगी तभी सुधार होगा. मांग बढ़ाने के लिए लोगों के हाथ में पैसा चाहिए. टैक्स कट होना चाहिए. अगर वित्तीय राहत नहीं मिलती तो मांग आने में डेढ़ साल लग सकते हैं.सरकार यदि राहत नहीं देती तो जीडीपी में 1 से 1.5 फीसदी की गिरावट आ सकती है.

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तेजी से करना होगा काम

इंडस्ट्री चैम्बर सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, 'हमें लॉकडाउन से आक्रामक तरीके से बाहर निकलना होगा. ट्रांसपोर्टेशन की इजाजत देनी होगी, सप्लाई चेन 100 फीसदी होगी तभी काम चल सकता है. स्टोर्स खोलना होगा, जब तक डीलर्स का काम नहीं शुरू होता, कारखाने खुलकर क्या करेंगे.'

उन्होंने कहा, हर दिन गृह मंत्रालय का स्पष्टीकरण आ रहा है, यह अच्छी बात है. हमें इसकी जरूरत है. बहुत सी कंपनियां अब भाारत आना चाहती है, इसलिए हमारी रणनीति बहुत आक्रामक होनी चाहिए.

बदल जाएगा लोगों का बिहेवियर

इंडियन होटल्स कंपनी के एमडी ऐंड सीईओ पुनीत चटवाल ने कहा, 'एविएशन के अलावा हॉस्पिटलिटी सेक्टर पर सबसे बुरा असर पड़ा है. कंज्यूमर अपने भविष्य को लेकर चिंतित है. लेकिन वेडिंग सेक्टर में वापसी होगी.

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चटवाल ने कहा कि टूरिज्म इंडस्ट्री में कम से कम 6 से 12 महीने लग जाएगा उबरने में. चटवाल ने कहा, 'आगे चलकर एक न्यू नॉर्मल बन सकता है. बीसीजी का एक प्रजेंटेशन आया है, जिसमें कहा गया है कि लोगों का बिहेवियर बदलेगा. वेडिंग सेक्टर वापसी करेगा, सेलिब्रेशन होगा, लोग सोशल डिस्टेंसिंग करके नई चीजें अपानाएंगे.'

शॉपिंग सेंटर में बेहतर सुरक्षा हो सकती है

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सलेक्ट ग्रुप के चेयरमैन अर्जुन शर्मा ने कहा, 'शॉपिंग सेंटर पर सोशल डिस्टेंसिंग की बेहतर व्यवस्था की जा सकती है, यह ओपन मार्केट में नहीं हो सकता. इन स्थानों को अच्छी तरह से सैनिटाइज किया जा सकता है. ऐसा हुआ तो रिटेल कारोबार वापसी करेगा. लोगों में घर बैठे-बैठे फ्रस्टेशन आ रहा है. लोग मेकअप के लिए आना चाहते हैं, लोगों को कई तरह के सामान की जरूरत पड़ रही है. पहले 2-3 हफ्ते में केवल 25 फीसदी कारोबार वापस हो सकता है.'

ई-कॉमर्स को बढ़ावा देना चाहिए

अरबन कंपनी के को-फाउंडर वरुण खेतान ने कहा, 'सरकार ने 20 अप्रैल से कई जरूरी सेवाओं को शुरू करने की इजाजत दी है. लॉकडाउन को फेजवाइज खोलना अच्छा निर्णय है. हम छोटी कंपनी हैं और हमारे उपर कई तरह के दबाव हैं, लेकिन हमें उम्मीद है कि हम लंबे समय तक सर्वाइव करेंगे और कोई सैलरी कट नहीं करना पड़ेगा. हमारे कारोबार का कुछ पार्ट शुरू हो गया है, उम्मीद है कि आगे धीरे-धीरे और चीजें शुरू होंगी. सरकार को ई-कॉमर्स और होम डिलिवरी को बढ़ावा देना चाहिए क्योंकि इनमें सुरक्षा के उपाय बेहतर तरीके से हो सकते हैं.

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