scorecardresearch
 

कोरोना इम्पैक्ट पर बड़ा सर्वे, इकोनॉमी को संभालने में मोदी सरकार कितनी सफल?

कोरोना संकट की वजह से देश हर तरह की आर्थिक गतिविधियां बाधित हुईं. खासकर लॉकडाउन के दौरान अर्थव्यवस्था की गाड़ी थम गई थीं. लेकिन कोरोना संकट का असर इकोनॉमी पर कम हो, इसको लेकर केंद्र सरकार ने कई उठाए हैं.

Advertisement
X
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर सर्वे (Photo: File)
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर सर्वे (Photo: File)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना संकट और इकोनॉमी को लेकर सर्वे
  • अर्थव्यवस्था की गाड़ी संभालने में मोदी सरकार सफल
  • लॉकडाउन पर भी सरकार को मिला जनता का साथ

कोरोना संकट की वजह से देश में हर तरह की आर्थिक गतिविधियां बाधित हुईं. खासकर लॉकडाउन के दौरान अर्थव्यवस्था की गाड़ी थम गई थीं. लेकिन कोरोना संकट का असर इकोनॉमी पर कम हो, इसको लेकर केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं. सरकार दावा कर रही है कि उसकी नीतियों की वजह से कोरोना का असर इकोनॉमी पर कम हुआ. 
  
इस मुद्दे को लेकर इंडिया टुडे ने 'देश का मिजाज' जानने के लिए एक सर्वे किया. सर्वे में लोगों से सवाल पूछा गया कि कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था की गाड़ी संभालने में मोदी सरकार कितनी सफल रही है? सर्वे में इकोनॉमी को कोरोना संकट से उबारने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम को जनता का साथ मिला है. 

Advertisement

सर्वे में 20 फीसदी लोगों ने कहा कि इकोनॉमी के मोर्चे पर सरकार ने बेहतरीन तरीके से कोरोना के असर को हैंडल किया, जबकि 47 फीसदी लोगों ने कहा कि अच्छे तरीके से सरकार निपटा है. जबकि सर्वे में 22 फीसदी लोगों ने सरकार की कोशिश को औसत कदम के तौर पर आंका. वहीं 8 फीसदी ने खराब और 2 फीसदी ने कहा कि इस मोर्चे पर सरकार बिल्कुल नाकाम रही है.
 
लॉकडाउन ने किसका क्या बिगाड़ा?
इसके अलावा सर्वे में एक सवाल लॉकडाउन के इम्पैक्ट को लेकर था. सर्वे में लोगों से पूछा गया कि लॉकडाउन का क्या असर हुआ? 39% ने कहा कि कोरोना संक्रमण का फैलाव रुका. 28 फीसदी लोगों ने कहा कि संक्रमण पर लगाम तो लगा, लेकिन दूसरी समस्याएं हुईं. 13 फीसदी ने माना लॉकडाउन का कोई असर नहीं हुआ. वहीं सर्वे में 10 फीसदी लोगों ने कहा कि लॉकडाउन का असर इकोनॉमी पर हुआ. 7 फीसदी ने कहा कि कोरोना का फैलाव कम हुआ, लेकिन इससे इकोनॉमी संकट में आ गई. 

Advertisement
देश का मिजाज
देश का मिजाज

देखें आजतक लाइव टीवी

'मूड ऑफ द नेशन' ओपिनियन पोल के दौरान 'इंडिया टुडे- कार्वी इनसाइट्स' ने देशभर में कुल 12,232 लोगों से बातचीत की. जिसमें कुछ लोगों से फोन पर बात हुई तो कुछ लोगों से सीधे संपर्क कर (फेस-टू-फेस) सर्वे से जुड़े सवाल के जवाब लिए गए. यह सर्वे देश भर में 3 से 13 जनवरी 2021 के बीच हुआ था. 

 

Advertisement
Advertisement