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भारत प्रदूषण में अव्वल, टॉप 20 प्रदूषित शहरों में 13 भारत के

पूरी दुनिया तेजी से बढ़ते प्रदूषण और उसके मानव जीवन पर पड़ते प्रतिकूल प्रभाव से परेशान हैं तो भाला भारत अभी तक क्यों नहीं? ये सवाल जायज है क्योकि पूरी दुनिया में स्टाकहोम से लेकर जिनेवा तक पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर समझौतें हो रहे हैं पर सवाल है कि भारत कब इस ओर ध्यान देना शुरू करेगा क्योकि दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर कहीं और नहीं बल्कि खुद भारत में मौजूद हैं.

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प्रदूषण के चपेट में 'ताजमहल'
प्रदूषण के चपेट में 'ताजमहल'

पूरी दुनिया तेजी से बढ़ते प्रदूषण और उसके मानव जीवन पर पड़ते प्रतिकूल प्रभाव से परेशान हैं तो भाला भारत अभी तक क्यों नहीं? ये सवाल जायज है क्योकि पूरी दुनिया में स्टाकहोम से लेकर जिनेवा तक पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर समझौतें हो रहे हैं पर सवाल है कि भारत कब इस ओर ध्यान देना शुरू करेगा क्योकि दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर कहीं और नहीं बल्कि खुद भारत में मौजूद हैं. वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) की रिपोर्ट बताती हैं कि शीर्ष 20 में 13 शहर अकेले भारत में मौजूद हैं.

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WHO ने कैसे किया सर्वे?
WHO ने दुनिया के 91 देशों के कुल 1600 शहरों में अपने इस सर्वे को अंजाम दिया. WHO ने अपना स्टैण्डर्ड पैमाना पार्टिकुलेट मैटर (PM) लिया जिसमे उसने 2.5 माइक्रोन से लेकर 10 माइक्रोन तक के प्रदूषित कणों (पार्टिकल्स) का अध्ययन किया जो हमारे स्वस्थ्य पर सबसे ज्यादा असर डालते हैं.

क्या हैं ये PM?
असल में ये कुछ और नहीं बल्कि शहरों में दिखने वाली धूल है. पहले सिर्फ मिट्टी की धूल होती थी पर जैसे-जैसे उद्योग बढ़ते जा रहे हैं वैसे-वैसे उनसे निकलने वाले धुंए में घुले कण भी हवा में बढ़ रहे हैं. वहीं कण जिन्हें हम सॉलिड पार्टिकल्स भी कहते हैं हवा को तेजी से जहरीला बना रहे हैं. जब इनकी मात्रा एक स्तर से बढ़ जाती है तब ये हमारे स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव डालते हैं. भारत में PM का स्तर पूरी दुनिया में सबसे खतरनाक हैं. भारत में पर्यावरण को लेकर कम जागरूकता और सरकारी सुस्ती , दोनों के कारण स्थिति दिनों दिन भयानक बनती जा रही हैं.

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कौन सी बीमारी हो सकती हैं?
जीवन के लिए प्राणवायु आवश्यक हैं और जीवन में सांसों  का क्रम सतत चलने वाली प्रक्रिया हैं. इसलिए जब हवा में जहर घुला हो तब आप इस जहर से बच नहीं सकते. सल्फर, नाइट्रस के साथ-साथ लोहे के बारीक कणों से घुली हवा में जब आप सांस लेते हैं तब ये जहरीले कण आपके फेफड़े में ही रह जाते हैं. जो आपके फेफड़ों को बहुत कमजोर कर देते हैं. यही कारण हैं कि शहरों में लोगों को अक्सर बलगम की शिकायत रहती हैं.

प्रदूषण के प्रकोप की एक झलक
प्रदूषण का सबसे ज्यादा प्रभाव उनपर पड़ता है जिनका जीवन अभी कोमलता में अंगड़ाईयां ले रहा है. मेरा मतलब बच्चों से है. बच्चों पर प्रदूषण का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता हैं. एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर में देश की राजधानी दिल्ली का एक सर्वे छपा था. जिसमें दिल्ली के कुल 36 स्कूलों के बच्चो की सेहत पर प्रदूषण के बढ़ते प्रभाव को आंका गया. हालत ये थी कि महज 3 साल में 11,000 से भी ज्यादा बच्चों को फेफड़ों की परेशानी के चलते कैंसर हॉस्पिटल में ईलाज कराना पड़ रहा है.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के एक एनवायरनमेंटल स्टडीज में पाया गया कि अगर आप रोड के 500 मीटर के दायरे में रहते हैं तो प्रदूषण से होने वाली बिमारियों का खतरा चार गुना बढ़ जाता है. दिल्ली की 55 फीसदी आबादी इसी 500 मीटर के दायरे के पास रहती हैं. मतलब साफ हैं, दिल्ली सहित देश के तमाम ऐसे शहरों में रहने वाले लोगों की सेहत भगवन भरोसे है.

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कौन से शहर है प्रदूषण में अव्वल हैं?
ये है टॉप 20 शहर जो सबसे प्रदूषित हैं. आप भी अपना शहर ढूंढ लीजिये...
1. दिल्ली
2. पटना
3. ग्वालियर
4. रायपुर
5. कराची - पाकिस्तान
6. पेशावर - पाकिस्तान
7. रावलपिंडी - पाकिस्तान 8. कोरमाबाद - ईरान
9. अहमदाबाद
10. लखनऊ
11. फिरोजाबाद
12. दोहा - क़तर
13. कानपुर
14. अमृतसर
15. लुधियाना
16. ईदगीर - बांग्लादेश
17. नारायोंगंज - बांग्लादेश
18. इलहाबाद
19. आगरा
20. खन्ना

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