ईज ऑफ डूईंग बिजनेस की रैंकिंग में भारत के 30 पायदान की छलांग के बाद एक और अच्छी खबर मिली है. वर्ल्ड बैंक का कहना है कि जीएसटी और अन्य सुधारों के मद्देनजर भारत 2047 तक उच्च-मध्य आय वाला देश बन जाएगा.
वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि सरकार की ओर से सुधार की दिशा में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और ऐसे अन्य कदमों की बदौलत भारत 2047 तक उच्च-मध्य आय वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा. ईज ऑफ डूईंग बिजनेस संबंधी विश्वबैंक की रैंकिंग में देश के 30 पायदान उछाल के कुछ एक दिन बाद ही इस वैश्विक वित्तीय निकाय के एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही है.
प्रति व्यक्ति आय में चार गुना बढ़ोतरी
विश्व बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) क्रिस्टालीना जॉर्जिएवा ने भारत में प्रति व्यक्ति आय में चार गुना बढ़ोतरी होने को एक असाधारण उपलब्धि बताया औरा इसका श्रेय देश में पिछले तीन दशक के सुधारों को दिया.
कारोबारी सुगमता में भारत की महत्वपूर्ण उपलब्धि
उन्होंने कारोबार सुगमता रिपोर्ट में 100वां स्थान हासिल करने को लेकर भी भारत की तारीफ की. उन्होंने कहा कि 15 साल पहले इस रिपोर्ट की शुरुआत के बाद से इस तरह की छलांग कम ही देखी गई है. उन्होंने कहा, ‘जब हम भारत के विशाल आकार पर गौर करते हैं तो यह उपलब्धि विशेष रूप से और भी महत्वपूर्ण हो जाती है.’
क्रिस्टालीना ने कहा, ‘मैं समझ सकती हूं कि क्रिकेट प्रेमी देश के लिए शतक जड़ना एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपलब्धि है.’ वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा यहां आयोजित ‘इंडियाज बिजनेस रिफॉर्म’ कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘सफलता के लिए जरूरी है कि सुधार उच्च स्तर के साथ आगे बढ़ाने वाले हों. हमने सीखा हैं कि सुधारों के लिए धैर्य की जरूरत होती है. भारत के बारे में हमारी मान्यता है कि आज की सफलताएं भविष्य के सुधारों के लिए और अधिक ऊर्जा के रूप में काम आएंगी.’
In a cricket-loving nation hitting a century is a very impressive achievement @MakeinIndia @EODBIndia @narendramodi pic.twitter.com/SF7ECGiKcJ
— Kristalina Georgieva (@KGeorgieva) November 4, 2017
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में वृद्धि
विश्व बैंक की अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुधार की कोशिशों की सराहना करते हुए कहा कि जीएसटी ने भारत के सामने एकीकृत समान बाजार के जरिए तेजी से वृद्धि का अनोखा अवसर पैदा किया है. उन्होंने कहा कि सुधारों का असर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर दिखने लगा है. एफडीआई 2013-14 के 36 अरब डॉलर से बढ़कर 60 अरब डॉलर हो गया है.
जल्द ही इतिहास बन जाएगी गरीबी
जॉर्जिएवा ने कहा कि ढांचागत निर्माण, मानव संसाधन में निवेश और सहयोगी एवं प्रतिस्पर्धी संघवाद देश की भविष्य की प्रगति का आधार बनेगा. उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि अब ऐसी परिस्थितियां बन चुकी हैं, जहां देश में गरीबी की बात बहुत जल्द ही इतिहास का विषय होने बनने वाली है. इसके लिए 2026 का लक्ष्य तय किया गया था. मुझे लगता है कि मोदी इसे 2022 तक में ही करना चाहते हैं. अभी तक के प्रदर्शन को देखते हुए लगता है कि इसे भी पाना संभव है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे इसमें भी कोई शक नहीं कि जब भारत 2047 में आजादी की स्वर्णजयंती मना रहा होगा, अधिकांश भारतीय वैश्विक मध्यम वर्ग का हिस्सा होंगे. भारत तब एक उच्च मध्यम आय वाला देश होगा.'