scorecardresearch
 

ऑटो इंडस्‍ट्री में 8 साल की सबसे बड़ी गिरावट, नौकरियों पर भी खतरा!

देश की ऑटो इंडस्‍ट्री के हालात कुछ ठीक नहीं लग रहे हैं. यात्री वाहनों की बिक्री में अप्रैल महीने में 8 साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है.

Advertisement
X
देश की ऑटो इंडस्‍ट्री में 8 साल की सबसे बड़ी गिरावट
देश की ऑटो इंडस्‍ट्री में 8 साल की सबसे बड़ी गिरावट

Advertisement

देश की ऑटो इंडस्‍ट्री इन दिनों बुरे दौर से गुजर रही है. दरअसल, पैसेंजर व्हीकल (PV) और कारों की बिक्री की वजह से इंडस्‍ट्री को लगातार झटका लग रहा है. हालात यह हैं कि देश की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी मारुति सुजुकी ने पिछले तीन महीनों में अपना प्रोडक्शन लगभग 39 फीसदी घटा दिया है. ऑटो इंडस्‍ट्री के जानकारों का कहना है कि अगर ऐसे ही हालात रहें तो नौकरियों पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं.  

अप्रैल में आई बड़ी गिरावट

देश में पैसेंजर व्हीकल यानी यात्री वाहन की बिक्री में अप्रैल महीने में 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. यह अक्टूबर 2011 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है. अक्टूबर 2011 में बिक्री में 19.87 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी.  सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक यात्री वाहनों की घरेलू बाजार में बिक्री अप्रैल 2019 में 17.07 फीसदी गिरकर 2,47,541 इकाई रही. इसका मतलब यह हुआ कि अप्रैल में सिर्फ 2 लाख 47 हजार के करीब ही यात्री वाहनों की बिक्री हुई है.  इससे पहले अप्रैल 2018 में 2,98,504 यात्री वाहनों की बिक्री हुई थी.

Advertisement

तीन महीने से सिलसिला जारी

बीते तीन महीनों के आंकड़ों पर गौर करें तो अप्रैल में घरेलू पैसेंजर ​व्हीकल की बिक्री में 17 फीसदी और कार बिक्री में लगभग 20 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई. इससे पहले मार्च 2019 में पैसेंजर व्‍हीकल की बिक्री लगभग 3 फीसदी और कार की बिक्री 6.87 फीसदी गिरी थी. इसी तरह फरवरी में यह गिरावट क्रमश: 1 फीसदी और 4.33 फीसदी की रही थी. देश में कारों की बिक्री के साथ-साथ टू-व्हीलर की बिक्री में भी कमी आई है.

आंकड़ों की मानें तो टू व्‍हीलर, कमर्शियल समेत सभी प्रमुख वाहन श्रेणियों में अप्रैल में बिक्री में गिरावट दर्ज की गई. अप्रैल 2019 में अलग-अलग कैटेगरी में वाहनों की बिक्री 15.93 फीसदी गिरकर 20 लाख से ज्‍यादा रही. जबकि अप्रैल 2018 में यह आंकड़ा 23 लाख के पार था. ऑटो इंडस्‍ट्री के जानकारों का कहना है कि पिछले 10  साल में हमने ऐसा नहीं देखा कि सभी श्रेणियों में बिक्री में गिरावट दर्ज की गई हो.

प्रमुख ऑटो कंपनियों का हाल

देश की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) की यात्री वाहन बिक्री अप्रैल में 19.61 फीसदी गिरकर 1,31,385 इकाई रही. वहीं हुंडई मोटर इंडिया की बिक्री 10.12 फीसदी गिरकर 42,005 इकाई रही. इसके अलावा  महिंद्रा एंड महिंद्रा की यात्री वाहन बिक्री में 8.52 फीसदी गिरावट आई है. टू-व्‍हीलर में, हीरो मोटो कॉर्प की बिक्री 12.10 फीसदी गिरकर 5 लाख 34 हजार के करीब रही. इसी तरह होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया की मोटरसाइकिल बिक्री 25.77 फीसदी  गिरकर 1,57,569 इकाई रही.

Advertisement

बिक्री में गिरावट की वजह

सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने आजतक से बातचीत में बताया कि नकदी संकट और बीमा की लागत बढ़ने जैसे नकारात्मकों कारकों के कारण बिक्री प्रभावित हुई है. वहीं चुनावों के चलते कस्टमर्स की ओर से भी सेंटीमेंट कमजोर हुआ है. प्रोडक्‍शन में कटौती की वजह बताते हुए माथुर ने कहा कि फेस्टिवल सीजन में तैयार किए गए स्टॉक का अभी भी मौजूद होने की वजह से इस पर ब्रेक लगा है. यह वक्‍त ऑटो कंपनियों का इन्वेंटरी करेक्शन का टाइम है, इसलिए कंपनियां पुराना स्टॉक मौजूदा वक्त में निकाल रही हैं. प्रॉडक्शन कट की दूसरी वजह है कि आगे चलकर नए सेफ्टी और बीएस 6 नॉर्म्स के चलते कंपनियां कुछ मॉडल्स को बंद कर सकती हैं.

इसका असर क्‍या होगा

माथुर का कहना है कि अगर हालात यही रहें तो नौकरियों पर भी संकट के बादल मंडरा सकते हैं. उन्‍होंने कहा कि अभी इंडस्ट्री में जॉब कट की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. लेकिन अगर स्लोडाउन इसी तरह चलता रहा तो आगे चलकर नौकरियों पर खतरा हो सकता है. हालांकि सियाम के महानिदेशक को उम्‍मीद है कि चुनाव खत्म होने पर नई सरकार बनने के बाद कई चीजें सुधरेंगी और स्थिरता आएगी.

Advertisement
Advertisement