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आईएमएफ ने कहा, भारत की गरीबी मिटा सकते हैं अरबपति

भारत में आय की असमानता बढ़ रही है और यहां के अरबपतियों की कुल संपत्ति पिछले 15 सालों में 12 गुना बढ़ी है. यह बात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लागार्दे ने कही.

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आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लागार्दे
आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लागार्दे

भारत में आय की असमानता बढ़ रही है और यहां के अरबपतियों की कुल संपत्ति पिछले 15 सालों में 12 गुना बढ़ी है. यह बात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लागार्दे ने कही.

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लागार्दे ने कहा कि भारत के अरबपतियों के धन से वहां की गरीबी दो बार दूर की जा सकती है. लागार्दे ने कहा कि हम देख रहे हैं कि अधिकतर देशों में आय की असमानता बढ़ रही है. भारत में अरबपति समुदाय की कुल संपत्ति 15 साल में 12 गुना बढ़ी है. यह देश की गरीबी को दो बार दूर करने के लिए काफी है.

लागार्दे ने यह बात सोमवार को लंदन में रिचर्ड डिंब्लेबी व्याख्यान में कही. उन्होंने ऑक्सफेम की एक पुरानी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया के 85 सबसे समृद्ध लोगों की संपत्ति दुनिया की कुल आबादी के आधे (गरीब) की संपत्ति के बराबर है. उन्होंने कहा कि पहले के अर्थशास्त्रियों ने असमानता को अधिक महत्व नहीं दिया है.

उन्होंने कहा, मैं साफ तौर पर यह कहना चाहूंगी कि अर्थशास्त्रियों ने असमानता के महत्व को कम कर आंका है. उन्होंने आर्थिक विकास और वितरण की अपेक्षा आर्थिक आकार पर अधिक जोर दिया है. आज हम असमानता से होने वाले नुकसान को अधिक समझ रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि कर की संरचना और खर्च की नीति में सुधार कर इस असमानता को घटाया जा सकता है. नीतियों के निर्माण में समावेशीकरण को उतना ही महत्व दिया जाना चाहिए, जितना विकास को दिया जाता है. उन्होंने साथ ही कहा कि समावेशीकरण की बात करते समय महिलाओं के समावेशीकरण की निश्चित रूप से बात की जानी चाहिए.

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