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दुनिया में भारतीय सीईओ सबसे अधिक आशावादी

इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार और लंबी अवधि में अपने कारोबारी आय की संभावनाओं को लेकर उम्मीद की बात की जाए तो दुनियाभर में भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) सबसे अधिक आशावादी हैं.

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इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार और लंबी अवधि में अपने कारोबारी आय की संभावनाओं को लेकर उम्मीद की बात की जाए तो दुनियाभर में भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) सबसे अधिक आशावादी हैं.

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भारतीय सीईओ के विश्वास के उच्च स्तर के उलट दुनियाभर में सीईओ के विश्वास का स्तर गिर रहा है. यह खुलासा विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वाषिर्क बैठक में पीडब्ल्यूसी द्वारा जारी एक सर्वेक्षण में किया गया.

सर्वेक्षण के मुताबिक, अपनी कंपनियों के लिए लोगों की नियुक्तियों के संबंध में भी भारत में सीईओ के विश्वास का स्तर काफी ऊंचा है, जबकि पिछले साल अपनी कंपनियों में छंटनी की संभावना देखने वाले सीईओ का प्रतिशत न्यूनतम है.

सोलहवें वाषिर्क सीईओ सर्वेक्षण के नतीजों की घोषणा करते हुए पीडब्ल्यूसी ने कहा कि सीईओ को अपने कारोबार के लिए सही प्रतिभा खोजने, शेयर बाजारों में स्थिरता की कमी, राजकोषीय घाटे को लेकर सरकार के कदमों और बढ़ते नियमन व कर बोझ के संबंध में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

दुनियाभर में 36 प्रतिशत सीईओ ने कहा कि वे 2013 में अपनी कंपनी के विकास की संभावना को लेकर ‘बहुत आश्‍वस्‍त’ हैं. पिछले साल 40 प्रतिशत सीईओ और 2011 में 48 प्रतिशत सीईओ ने यह प्रतिक्रिया दी थी.

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संपूर्ण आर्थिक परिदृश्य के बारे में 28 प्रतिशत सीईओ को इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में और गिरावट आने की आशंका है, जबकि केवल 18 प्रतिशत सीईओ ने उम्मीद जताई कि इसमें सुधार होगा. वहीं 50 प्रतिशत से अधिक ने अनुमान जताया कि यह जस का तस रहेगी.

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