इकॉनमी और रुपये की लगातार गिरती वेल्यू पर सरकार यह तो मानती है कि हमारी इकॉनमी भी इस समय चुनौतियों का सामना कर रही है, लेकिन यह भी कहती है कि ग्लोबल इकॉनमी के हालात भी ऐसे ही हैं. इसलिए सरकार यह चाहती है कि सभी सहयोग दें तो चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया जा सकता है.
वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने लोकसभा में भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष पेश आ रही चुनौतियों के संबंध में दिए गए बयान में कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में चालू खाते के घाटे (कैड) को सकल घरेलू उत्पाद के 3.7 प्रतिशत पर सीमित रखने के लिए सोना, चांदी, तेल और गैर-जरूरी वस्तुओं का आयात घटाएगी.
चिदंबरम ने बताया कि इसके अलावा सरकार सरकारी क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों तथा पेट्रोलियम कंपनियों को विदेशों से धन जुटाने की अनुमति देगी. देश में पूंजी प्रवाह बढ़ाने के लिए प्रवासी जमा योजनाओं के नियमों को उदार बनाया जाएगा.
एकीकृत आंध्र सहित विभिन्न मसलों पर सदन में हंगामे के बीच वित्त मंत्री ने कहा, 'शुल्क दरों के बारे में अधिसूचना संसद में आने वाले समय में रखी जाएगी.' चिदंबरम ने कहा कि ताजा उपायों से कैड को 70 अरब डॉलर पर सीमित रखा जा सकेगा. वहीं, विदेशी मुद्रा प्रवाह इस स्तर तक बढ़ेगा, जिससे कैड का वित्तपोषण किया जा सकेगा.
उन्होंने बयान में कहा, ‘यदि कैड को 70 अरब डॉलर तक सीमित रखा जाता है, तो यह जीडीपी का 3.7 फीसद बैठेगा.' 2012-13 में कैड जीडीपी का 4.8 प्रतिशत रहा था.
वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की तरह भारतीय अर्थव्यवस्था को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि हमें कैड पर अंकुश, मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव रोकने तथा रुपये को स्थिर करने के लिए अधिक काम करना होगा.'