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सबको घर देने के लिए हर साल लगेंगे 16,000 अरब रुपये

यदि सरकार 2022 तक देश के सभी नागरिकों को घर मुहैया कराना चाहती है, तो उसे हर साल 260 अरब डॉलर यानी 16,000 अरब रुपये खर्च करने होंगे.

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नोएडा एक्सटेंशन में बनता एक प्रोजेक्ट
नोएडा एक्सटेंशन में बनता एक प्रोजेक्ट

यदि सरकार 2022 तक देश के सभी नागरिकों को घर मुहैया कराना चाहती है, तो उसे हर साल 260 अरब डॉलर यानी 16,000 अरब रुपये खर्च करने होंगे. केपीएमजी-नेशनल रियल स्टेट डेवलपमेंट की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है. बुधवार को रिपोर्ट जारी करते हुए कहा गया कि रियल स्टेट में हर साल लगभग 9500 अरब रुपये खर्च करने की जरूरत है, जिसका 80 प्रतिशत लगभग 7500 अरब रुपये गृह निर्माण पर खर्च होगा.

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रियल एस्टेट एंड कंस्ट्रक्शन क्षेत्र की कंपनी केपीएमजी के नीरज बंसल का कहना है कि 2022 तक सरकार द्वारा हर व्यक्ति को घर उपलब्ध कराने के लक्ष्य पर अगले आठ वर्षो तक 2,000 अरब रुपये खर्च करने की जरूरत है, जिससे नौ करोड़ घर बन पाएंगे.

रियल एस्टेट में पिछले कुछ वर्षो में दो प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है, लेकिन सरकार द्वारा किया गया वादा निभाने के लिए इस दर को 12 से 13 प्रतिशत तक ले जाने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि सुधार के लक्ष्य को पाने के लिए संस्थानों से व्यापक पैमाने पर कर्ज, प्राइवेट सेविंग और विदेशी पूंजी के उच्च प्रवाह की जरूरत है.

रियल एस्टेट सेक्टर देश में सबसे ज्यादा नौकरी उपलब्ध कराने वाला क्षेत्र है, लेकिन इसे सिर्फ चार प्रतिशत ही एडवांस मिल पाता है. रिपोर्ट में इस ओर भी इशारा किया गया है कि ईसीबी के लिए आरबीआई को मौजूदा निर्धारित राशि एक अरब डॉलर से बढ़ाकर 10 अरब डॉलर करनी पड़ेगी.

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