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MSME को मिल सकता है 18 हजार करोड़ का रक्षा सौदा

रक्षा खरीद नीति 2013 और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान से देश के रक्षा क्षेत्र में काम करने वाले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के सामने अगले पांच सालों में 18 हजार करोड़ रुपये (तीन अरब डॉलर) का कारोबारी अवसर पैदा हुआ है.

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रक्षा खरीद नीति 2013 और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान से देश के रक्षा क्षेत्र में काम करने वाले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के सामने अगले पांच सालों में 18 हजार करोड़ रुपये (तीन अरब डॉलर) का कारोबारी अवसर पैदा हुआ है.

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रक्षा एमएसएमई कंपनियों के मुताबिक दोनों पहलों से सरकारी रक्षा कंपनियों (डीपीएसयू) और एमएसएमई क्षेत्र के लिए अगले पांच सालों में कुल 90 हजार करोड़ रुपये का कारोबारी अवसर पैदा हुआ है. इसमें से 20 फीसदी यानी 18 हजार करोड़ रुपये का कारोबार एमएसएमई को मिलने की उम्मीद है.

सैमटेल एवियोनिक्स के मुताबिक भारतीय वायुसेना से 72 हजार करोड़ रुपये, नौसेना से 13,500 करोड़ रुपये और थलसेना से 4,500 करोड़ रुपये का कारोबार मिल सकता है.

सैमटेल एवियोनिक्स के कार्यकारी निदेशक पुनीत कौरा ने कहा, ‘पिछले कुछ साल में रक्षा क्षेत्र से कुल 28,800 करोड़ रुपये के ठेके जारी किए गए. भारतीय वायुसेना ने करीब 21,600 करोड़ रुपये के ठेके जारी किए, नौसेना ने 5,064 करोड़ रुपये और थलसेना ने 144 करोड़ रुपये के ठेके जारी किए.’

रैडेल समूह के संस्थापक और प्रबंध निदेशक जी. राज नारायण ने कहा, ‘अब जबकि एमएसएमई को इस क्षेत्र में आकर्षित करने के लिए गंभीर कोशिश की जा रही है, इसमें कोई शक नहीं कि वे पूर्जों और एसेंबलीज के निर्माण का मानक और उसकी गुणवत्ता बढ़ाएंगी, जिसकी आपूर्ति वे बड़ी कंपनियों को करती हैं.’ उन्होंने कहा, ‘इससे खर्च और समय की काफी बचत होगी, क्योंकि ठेके पर दिए जाने वाले काम एक साथ कई एमएसएमई इकाइयों को दिए जाएंगे.’

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नारायण ने यह भी कहा कि एमएसएमई को कम से कम आठ साल के ठेके सुनिश्चित किए जाने चाहिए और शोध, विकास, रिवर्स इंजीनियरिंग तथा रक्षा उपकरणों के स्वदेशीकरण के लिए उन्हें प्रोत्साहन दिए जाने चाहिए. इससे इस क्षेत्र में काफी विकास होगा.

उड़ान संबंध गतिविधियों में कम से कम 30 फीसदी कार्यक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स या एवियोनिक्स का होता है. साथ ही हथियारबंद वाहन, विमान, हेलीकॉप्टर, पनडुब्बियों, टैंक, जहाज और यूएवी तथा अन्य क्षेत्रों में एमएसएमई के लिए काफी बड़ा अवसर मौजूद है.

- इनपुट IANS से

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