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पटना राजधानी एक्सप्रेस में भी आज तक का सुरक्षा 'टेस्ट'

26 फरवरी को रेल बजट पेश होने वाला है. भारतीय रेल कितना सुरक्षित है महिलाओं के लिए. यही जानने की कोशिश की है.

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अंजना ओम कश्यप
अंजना ओम कश्यप

26 फरवरी को रेल बजट पेश होने वाला है. भारतीय रेल कितना सुरक्षित है महिलाओं के लिए. यही जानने की कोशिश की है.

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सवाल बहुत बड़ा है, सवाल आपकी सुरक्षा से जुड़ा है, सवाल महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा है, सवाल ये है कि जो डर जो ख़ौफ, आपका पीछा शहरों में करता है, क्या वो डर, वो ख़ौफ भारतीय रेल में अपका पीछा छोड़ता है?

महिला होकर कितनी महफूज़ हैं आप, अगर आप भारतीय रेल की सवारी करती हैं? दिल्ली-पटना राजधानी एक्सप्रेस में लगभग 1000 किलोमीटर के सफर पर आजतक की रिपोर्टर अंजना कश्‍यप ने जानने, समझने और महसूस करने की कोशिश की कि अगर आप एक महिला होते हुए भारतीय रेल में सफर करती हैं, तो आपकी सुरक्षा का कितना ख्याल रखा जाता है.

दिल्ली से पटना के रूट पर हज़ारों लोग रोज़ाना सफर करते हैं. आजतक की रिपोर्टर अंजना कश्‍यप ने भी राजधानी एक्सप्रेस की सेकेंड क्लास में सफर किया. राजधानी एक्‍सप्रेस का सेकेंड क्‍लास हो तो हर कोई अंदाज़ा यही लगाएगा कि यहां तो सुरक्षा को लेकर दिक्कत नहीं होनी चाहिए.

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रेलवे के सुरक्षा गार्डों की गश्त भी ठीक ठाक होनी चाहिए. लेकिन आजतक ने जब हक़ीक़त जानी, सच्चाई की तह तक पहुंचा और फिर सामने आया चौंकाने वाला सच.

भारतीय रेल में वादा सुरक्षा का किया जाता है, लेकिन क्या ये सच है? लोहे के पहियों पर चलने वाली इस रेल का सच तो ये है कि महिलाएं बेफिक्र होकर सफर नहीं कर सकतीं. आंकड़े बताते हैं, पिछले एक साल में, 11 बलात्कार की घटनाएं हुईं, और 76 छेड़खानी की घटनाएं ऐसी ही ट्रेनों में हुईं हैं.

उम्मीद है ये सब रेल मंत्री पवन बसंल भी देख रहे होंगे और महिलाएं भी रेल मंत्री तक अपना ये संदेश पहुंचाना चाहती हैं. इस देश में बात महिलाओं के सशक्तिकऱण की होती है लेकिन सुरक्षा के नाम पर भारतीय रेल फेल होती नजर आ रही है.
तो रेल मंत्री की आंखें खोलना चाहती हैं ये महिलाएं. महिला सुरक्षा के लिए रेलवे पुलिस तो बना दी गई और कानून भी बन गया, लेकिन क्या कोई आरपीएफ का जवान डिब्बों में गश्त लगाता है?

जब रात के अंधेरे में ट्रेन स्टेशनों पर रुकती हुई पटना की ओर बढ़ रही थी, हमारी टीम बिना पलकें झपकाए, इस इंतज़ार में बैठी थी कि कहीं से किसी दरवाज़े से कोई रेलवे पुलिस का जवान दस्तक दे, अपनी ड्यूटी निभाए. लेकिन हमारी ये उम्मीद सिर्फ उम्मीद ही बन कर रह गई. यकीन मानिए ख़ौफ का सफर ऐसे ही जारी रहा.

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आपको बता दें कि भारतीय रेलवे को करीब 3 लाख आरपीएफ जवानों की ज़रूरत है. रेलवे को 75000 आरपीएफ जवान रखने की इजाज़त मिली हुई है, इसमें भी 14 हज़ार से ज़्यादा जवानों की जगह खाली है. आरपीएफ पर साढ़े 3 हज़ार ट्रेनों में सुरक्षा का जिम्मा है. हम आपको ये भी बता दें कि 288 यात्रियों की सुरक्षा का ज़िम्मा एक आरपीएफ के जवान पर है.

दुनिया के सबसे बड़े रेल तंत्र में महिलओं की सुरक्षा की सच्चाई दिल्ली से पटना के रूट पर खुल रही थी. सवाल ये है कि क्या उन लड़कियों का सफर महफूज़ है, जो बिहार से दिल्ली में पढ़ाई के लिए आती हैं.

क्या वो महिलाएं महफूज़ हैं जो बिहार से नौकरी के लिए दिल्ली का सफर तय करती हैं. क्या वो भारतीय रेल में बेख़ौफ सफर कर सकती हैं. बजट से पहले महिलाएं सवाल रेल मंत्री पवन बंसल से कर रही हैं.

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