रेलवे कर्मचारी यूनियन ने आज से 72 घंटों के लिए भूख हड़ताल शुरू कर दी है. रेलवे का निजीकरण करने के प्रयास और सातवें वेतन आयोग के प्रावधान लागू न करने के विरोध में इनकी ये भूख हड़ताल है.
ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन (AIRF) की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक गृह मंत्री, वित्त मंत्री और रेल मंत्री के साथ कई बैठकें करने के बाद भी हमारी मांगों को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है. AIRF ने कहा है कि केंद्र सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने के लिए कई बार अपील की है, लेकिन इस मोर्चे पर कोई कदम नहीं उठाया गया है.
AIRF अपनी कई मांगों को लेकर यह आंदोलन कर रही है. इनकी मांग है कि न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी की जाए. सातवें वेतन आयोग के प्रावधान लागू किए जाएं. इसके अलावा सभी नेशनल पेंशन स्कीम धारक कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन और फैमिली पेंशन दिए जाने की भी इनकी मांग है. इसके अलावा रेलवे का निजीकरण करने के प्रयासों का भी ये विरोध कर रहे हैं.
AIRF ने बताया कि 13 और 14 मार्च को हुई महा परिषद और कार्यकारी समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया कि बड़े स्तर पर भूख हड़ताल की जाएगी. इसके लिए लगातार देशभर में 3 दिन संबंधित यूनियनों के कार्यालयों में भूख हड़ताल की जाएगी.
बयान में कहा गया है कि इसकी शुरुआत 8 मई की सुबह से कर दी गई है. रेलवे कर्मचारी यूनियनों के हड़ताल पर जाने से भारतीय रेलवे के काम में दखल पड़ने की भी आशंका है.