भारतीय रेलवे अपने महत्वाकांक्षी स्टेशन विकास योजना के तहत कुछ प्रमुख स्टेशनों का पुनर्विकास का काम शुरू करने के लिए विश्व बैंक से 50 करोड़ डॉलर की राशि मांगेगा.
सार्वजनिक क्षेत्र के परिवहन रेलवे के अधीन आने वाले विशाल भूभाग का इस्तेमाल शॉपिंग मॉल, मल्टीप्लेक्स, कार्यालय परिसर, भोजनालय और बड़े पार्किंग स्थल के निर्माण सहित व्यापक स्तर पर यात्री सुविधाएं पहले से बेहतर करने के लिए कुल 403 स्टेशनों की पहचान की गई है.
स्टेशन विकास परियोजना से जुड़े रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आर्थिक तंगी से बदहाल रेलवे के लिए स्टेशन का विकास उसका फोकस एरिया है और इसके लिए रोडमैप तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि कुछ अहम स्टेशनों पर पुनर्विकास कार्य शुरू करने के लिए विश्व बैंक से सात साल की अवधि के लिए 50 करोड़ डॉलर की राशि का लोन मांगने संबंधी एक प्रस्ताव पर काम जारी है. इसके अलावा, रेलवे स्टेशनों के विकास कार्य में मदद के लिए कुछ दक्ष विदेशी संस्थाओं से भी बातचीत कर रहा है.
फ्रेंच रेलवे (SNCF) को अंबाला और लुधियाना स्टेशनों के पुनर्विकास का जिम्मा दिया गया है, वहीं रेलवे कुछ अन्य स्टेशनों के लिए जर्मनी एवं दक्षिण कोरिया से भी बातचीत कर रहा है. अधिकारी के मुताबिक, 'रेलवे ने नई दिल्ली स्टेशन का पुनर्विकास कर उसे विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने में दक्षिण कोरिया को शामिल किए जाने की संभावना जताई है.'
भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम (IRSDC) को आठ स्टेशनों- हबीबगंज, बिजवासन, आनंद विहार, चंडीगढ़, शिवाजी नगर, सूरत, गांधीनगर और मोहाली के पुनर्विकास का जिम्मा सौंपा गया है. सूत्रों ने बताया कि इसके तहत अंतरमंत्रालयी चर्चा के लिए एक कैबिनेट नोट भेजा गया है.