ग्रीस बेलआउट पर सहमती और ईरान के साथ पी-5+1 देशों (अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी) के बीच समझौते के बीच रुपया अपनी मजबूती खोता दिख रहा हैं. रुपया गुरुवार के शुरुआती कारोबार में ही टूट गया.
हालत-ए-रुपया
विदेशी मुद्रा बाजार में शुरआती कारोबार के दौरान 12 पैसे टूटकर 63.53 पर पहुंच गया. वहीं बीते कल रूपये भी की चाल थोड़ी सुस्त दिखी और रुपया दो पैसे टूट कर 63.41 पर बंद हुआ था.
क्यों गिरा रुपया?
विदेशी मुद्रा कारोबारियों का कहना है कि फेडरल रिजर्व की प्रमुख जेनेट येलेन द्वारा अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार के मद्देनजर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की बात दोहराने से डॉलर को मजबूती मिली. वहीं डॉलर कि मजबूती के साथ ही आयातकों की ओर से डॉलर की मांग बढ़ने ने रूपये पर जबरदस्त दबाव बनाने का काम किया.
अभी गनीमत है
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना हैं कि डॉलर जिस तरह मजबूत हो रहा हैं उस तरह से रूपये में गिरावट नहीं देखने को मिल रही है. शेयर बाजार में दिख रही तेजी और बढ़ते विदेशी निवेश ने रूपये की कीमतों में हल्की लगाम लगा रखी है.