अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पूर्वानुमान जताया है कि 2014 में भारत की विकास दर 5.4 फीसदी रहेगी, जो 2013 में 4.4 फीसदी थी. संगठन ने यह भी कहा है कि 2015 में देश की विकास दर और बढ़कर 6.4 फीसदी हो जाएगी.
आईएमएफ ने अप्रैल 2014 के विश्व आर्थिक परिदृश्य (डब्ल्यूईओ) में कहा कि ये पूर्वानुमान इस मान्यता पर आधारित हैं कि निवेश बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा की गई कोशिशों के सकारात्मक परिणाम आएंगे और रुपये के हाल के अवमूल्यन से निर्यात में वृद्धि होगी.
इसमें कहा गया है कि देश में दर्ज किए जाने वाले विकास को वैश्विक विकास, निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि और हाल में मंजूर की गई निवेश परियोजनाओं के कार्यान्वयन से मदद मिलेगी.
आईएमएफ ने कहा कि हाल के महीनों में निर्यात में वृद्धि और सोने के आयात को घटाने के लिए उठाए गए कदमों का चालू खाता घाटा कम करने में योगदान रहा है.
आईएमएफ ने कहा, 'विकास को निवेश को बढ़ावा देने वाली नीति और हाल के नीतिगत कदमों से बढ़े विश्वास से मजबूती मिलेगी.'
विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा गया है, 'उपभोक्ता महंगाई दर के चुनौती बने रहने का अनुमान है, लेकिन साथ ही इसमें लगातार गिरावट आते रहने का भी अनुमान है.'
इसमें यह भी कहा गया कि महंगाई और महंगाई के अनुमान को दीर्घावधि तक कम रखने के लिए मौद्रिक नीति को और सख्त बनाने की जरूरत पड़ सकती है.