वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दावा किया कि अब लोग अपना टैक्स रिटर्न ऑनलाइन भर रहे हैं. रिफंड और उसकी जानकारी भी कारोबारियों को ऑनलाइन माध्यमों से दी जा रही है. जेटली ने विश्वास जताया कि यदि टेक्नोलॉजी का उपयोग सही तरीके से किया गया तो भारत को वैश्विक आर्थिक मैप पर उभरने से कोई नहीं रोक सकता है.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में वित्त मंत्री ने कहा कि अगर आज किसी को अपनी कंपनी रजिस्टर करवानी है तो उसे दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा. यह काम ऑनलाइन माध्यमों से कुछ फार्म भरने अथवा पहचान पत्र पेश करने से पूरा कर लिया जाएगा. वहीं इस कदम से सबसे बड़ा फायदा यह मिलेगा कि केन्द्र सरकार अपनी स्कीमों का सर्वाधिक लाभ देश की गरीब जनता तक पहुंचा सकेगी.
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गौरतलब है कि जेटली ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि पहले केन्द्रीय खजाने से गरीबों के लिए जाने वाले 1 रुपये में से 85 पैसा संसाधनों पर खर्च हो जाते था और गरीब जनता के पास महज रुपये का 15 पैसा ही पहुंचता था. अब डिजिटल माध्यमों से वित्तीय लेनदेन बढ़ने के बाद गरीब जनता के पास पूरा एक रुपया पहुंचना शुरू हो जाएगा.
अर्थव्यवस्था में बढ़ा टेक्नोलॉजी का महत्व
अरुण जेटली ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा किए गए बदलावों के बाद अर्थव्यवस्था में टेक्नोलॉजी का महत्व बढ़ गया है. इस टेक्नोलॉजी से अब सरकार के पास कारोबार और टैक्स से जुड़ा डाटा आसानी से और सटीक तरीके से उपलब्ध हो रहा है. इससे केन्द्र सरकार के कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी.
तेज गति से नई मुद्रा संचार का काम किया
वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी जैसे अहम फैसले के बाद अर्थव्यवस्था में थोड़ी उथल-पुथल की उम्मीद थी. लेकिन केन्द्र सरकार ने देश की 85 फीसदी मुद्रा को बदलने के बाद तेज गति से नई मुद्रा के संचार का काम किया. जेटली के मुताबिक यदि नई मुद्रा के संचार को कुछ हफ्तों में पूरा न किया जाता तो अर्थव्यवस्था के लिए संकट था लेकिन केन्द्र सरकार ने इस दिशा में अच्छी गति दिखाई है. नोटबंदी के फैसले को उचित ठहराते हुए जेटली ने कहा कि लोगों का दावा था कि इससे एग्रीकल्चर इकोनॉमी को तगड़ा झटका लगेगा लेकिन मौजूदा आंकड़े साफ कर रहे हैं कि नोटबंदी के असर से इस इकोनॉमी ने रफ्तार पकड़ लिया है.
टैक्स दरों में कटौती की उम्मीद
वहीं जीएसटी के तहत टैक्स दरों में और कटौती पर पूछे गए सवाल पर जेटली ने कहा कि संभव है कि आने वाले दिनों में जीएसटी काउंसिल से कटौती की उम्मीद है. जहां उम्मीद है वहां कुछ कटौती का ऐलान किया जा सकता है. इसके साथ ही जेटली ने दावा किया कि नोटबंदी और जीएसटी लागू किए जाने के बाद बीते 2-3 महीनों में पीएमआई आंकड़े पॉजिटिव रहे हैं. इसके अलावा देश में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन और कोर सेक्टर के आंकड़े भी पॉजिटिव रहे हैं. इन आंकड़ों से साफ संकेत है कि देश की अर्थव्यवस्था इन सुधारों के बाद तेज गति से आगे बढ़ने के लिए तैयार है.