देश का औद्योगिक उत्पादन दिसम्बर माह में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 0.6 फीसदी कम रहा. मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़े के मुताबिक खनन और विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में हुई गिरावट ने इस गिरावट में प्रमुख भूमिका निभाई.
केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में दिसम्बर महीने में साल-दर-साल आधार पर 0.6 फीसदी गिरावट रही. 2011 की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन में 2.7 फीसदी तेजी रही थी. नवम्बर 2012 में इसमें 0.1 फीसदी गिरावट और अक्टूबर 2012 में 8.2 फीसदी तेजी रही थी.
उल्लेखनीय है कि सात फरवरी को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने विनिर्माण, कृषि तथा सेवा क्षेत्र में खराब प्रदर्शन के कारण मौजूदा कारोबारी साल के लिए विकास दर के पूर्वानुमान को घटाकर पांच फीसदी कर दिया था, जो पिछले एक दशक में सबसे कम दर है.
सीएसओ के संशोधित अनुमान के मुताबिक पिछले कारोबारी साल 2011-12 में विकास दर 6.2 फीसदी रही थी. बाद में केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा था कि विकास दर 5.5 फीसदी रहेगी. आलोच्य अवधि में आईआईपी में 10.32 फीसदी योगदान करने वाले खनन क्षेत्र में 4.0 फीसदी गिरावट रही.
पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में भी इसमें 3.3 फीसदी गिरावट रही थी. विनिर्माण क्षेत्र में 0.7 फीसदी गिरावट रही, जबकि पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में इसमें 2.8 फीसदी तेजी रही थी.
बिजली उत्पादन (5.2 फीसदी) में हालांकि तेजी रही. अप्रैल से दिसम्बर माह की अवधि के लिए औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में हालांकि 0.7 फीसदी की मामूली तेजी रही, जबकि पिछले कारोबारी साल की समान अवधि में इसमें 3.7 फीसदी तेजी रही थी. इस अवधि में खनन में 1.9 फीसदी गिरावट रही, जबकि विनिर्माण और बिजली उत्पादन में क्रमश: 0.7 फीसदी तथा 4.6 फीसदी तेजी रही.
सर्वाधिक गिरावट वाले क्षेत्रों में रहे अखबार (24.8 फीसदी), भट्ठी तेल (25.5 फीसदी), ग्राइंडिंग ह्वील्स (44.5 फीसदी), एयर कंडीशनर्स (36.6 फीसदी), ट्रैक्टर (21.00 फीसदी), प्लास्टिक मशीनरी (22.3 फीसदी), टेलीफोन उपकरण (21.1 फीसदी) और वाणिज्यिक वाहन (19.8 फीसदी).
विकास दर्ज करने वाले प्रमुख कारोबारी क्षेत्रों में रहे मोलासिस (33.5 फीसदी), एरेटेड वाटर और शीतल पेय (65.00 फीसदी), गैस और तरलीकृत पेट्रोलियम (18.5 फीसदी), पेट्रोलियम कोक (23.7 फीसदी), कार्बन स्टील (23.7 फीसदी), कंडक्टर एल्यूमिनियम (82.3 फीसदी), केबल, इंसुलेटेड रबर(133.6 फीसदी), लकड़ी के फर्नीचर (23.8 फीसदी) और रत्न तथा आभूषण (24.5 फीसदी).