औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर अगस्त में लगभग तीन साल के उच्चस्तर 6.4 फीसदी पर पहुंच गई. विनिर्माण और खनन गतिविधियों में सुधार और पूंजीगत सामान के बेहतर उछाल से इसमें उल्लेखनीय सुधार हुआ है. अगस्त 2014 में कारखाना उत्पादन 0.5 फीसदी बढ़ा था.
केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से अगस्त की अवधि में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 4.1 फीसदी रही है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में तीन फीसदी रही थी. इससे पहले अक्टूबर 2012 में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 8.4 फीसदी के उच्च स्तर पर पहुंची थी.
क्या कहते हैं आंकड़े
जुलाई महीने की आईआईपी की वृद्धि दर को 4.2 फीसदी से अस्थाई अनुमान से घटाकर 4.1 फीसदी कर दिया गया है. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 75 फीसदी का हिस्सा रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर अगस्त में 6.9 फीसदी रही, जबकि एक साल पहले समान अवधि में इसमें 1.1 फीसदी की गिरावट आई थी.
अप्रैल-अगस्त के दौरान विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 4.6 फीसदी रही है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में दो फीसदी रही थी. अगस्त में खनन क्षेत्र का उत्पादन 3.8 फीसदी बढ़ा. एक साल पहले इसी महीने में यह 1.2 फीसदी बढ़ा था. अप्रैल-अगस्त के दौरान खनन क्षेत्र की वृद्धि दर 1.2 फीसदी रही.
निवेश के बारे में संकेत देने वाले पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन अगस्त में 21.8 फीसदी बढ़ा. एक साल पहले समान महीने में यह 10 फीसदी घटा था.
-इनपुट भाषा से