एग्जिट पोल में एनडीए-बीजेपी की भारी जीत के अनुमान आते ही शेयर बाजार में जबरदस्त बढ़त देखी गई. हालांकि बुधवार को बाजार थोड़ा सपाट हो गया है, लेकिन पिछले दो कारोबारी सत्रों में शेयर बाजार में माहौल काफी सकारात्मक रहा. हालांकि ज्यादातर ब्रोकरेज हाउस निवेशकों से इस माहौल में भी सचेत रहने को कह रहे हैं.
रविवार के एग्जिट पोल में एनडीए सरकार की वापसी के अनुमान आने के बाद सोमवार को कारोबार के शुरुआती दौर में ही सेंसेक्स- निफ्टी में उछाल आ गया. दिन के अंत में सेंसेक्स 1421 की बढ़त के साथ 39,352 के स्तर पर बंद हुआ. इसके बाद मंगलवार को शेयर बाजार के लिए ऐतिहासिक दिन रहा. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स रिकॉर्ड 39570 के स्तर को पार कर गया. शेयर बाजार के इतिहास में यह पहली बार है जब सेंसेक्स ने इतनी बड़ी बढ़त दर्ज की. लेकिन आखिरी घंटे में बिकवाली की वजह से सेंसेक्स 383 अंक टूटकर 38,970 अंक पर आ गया जबकि निफ्टी 119.15 अंक के नुकसान से 11,709 अंक के स्तर पर आ गया.
दलाल स्ट्रीट के कारोबारी एग्जिट पोल के नतीजों से बेहद उत्साहित हैं, लेकिन ब्रोकरेज हाउस सभी निवेशकों से सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं. कहा जा रहा है कि अंतिम नतीजे आने का इंतजार करना चाहिए. आइए जानते हैं वे चार वजह कि क्यों शेयर बाजार में रुचि रखने वालों को जोश की जगह इस समय होश से काम लेना चाहिए.
1. भारी उतार-चढ़ाव की संभावना
बाजार में इस समय अस्थिरता है और यह आगे भी जारी रह सकती है. शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव को नापने वाला वोलेटिलिटी इंडेक्स इंडिया VIX 9.23 से बढ़कर मंगलवार शाम तक 25.65 पर पहुंच गया. मंगलवार को शुरुआती कारोबार सेंसेक्स रिकॉर्ड 39570 के स्तर को पार कर गया, लेकिन आखिरी घंटे में बिकवाली की वजह से सेंसेक्स 383 अंक टूटकर 38,970 अंक पर रहा, जबकि निफ्टी 119.15 अंक के नुकसान से 11,709 अंक के स्तर पर आ गया. बाजार में उतार-चढ़ाव ज्यादा है इसलिए निवेशकों, कारोबारियों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है. ब्रोकरेज ने ट्रेडर्स को भी यह सलाह दी है कि वे अंतिम नतीजे आने से पहले ज्यादा आक्रामक रख न अपनाएं.
2. मुनाफावसूली
कई ब्रोकरेज हाउस ने सोमवार को शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल के बाद ही यह चेतावनी दी थी कि बाजार में मुनाफावसूली होगी. मुनाफावसूली का मतलब बाजार के बढ़त के दौर में कारोबारी शेयर बेचकर पैसा बनाना है. जब किसी शेयर में अपेक्षा से ज्यादा गिरावट आने लगती है तो यह माना जाता है कि उसमें बिकवाली कर कारोबारियों ने मुनाफावसूली की है. विश्लेषकों का कहना है कि गुरुवार को अंतिम नतीजे आने तक इसमें और बढ़त होगी.
3. आर्थिक सुस्ती
ब्रोकरेज जहां यह चेतावनी दे रहे हैं कि शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव रह सकता है, वहीं उनको इससे ज्यादा चिंता उस आर्थिक सुस्ती को लेकर है, जो कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों और वृहद आर्थिक आंकड़ों से साफ दिख रहा है. एनडीए सरकार पावर में आई तो भी विश्लेषकों को आर्थिक गतिविधियों में किसी बड़े उछाल की उम्मीद नहीं है, क्योंकि सरकार पहले राजकोषीय मजबूती पर फोकस रखेगी. 36 से ज्यादा कंपनियों की कमाई में करीब 3 फीसदी की गिरावट है. मैनेजमेंट के सार्थक बयान न दे पाने की वजह से इन कंपनियों के शेयरों पर कोई सकारात्मक असर नहीं हो पा रहा.
4. वैश्विक कारक
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर से वैश्विक स्तर पर जो तनाव बढ़ा है, उससे भारत सहित दुनिया भर के शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव आया है. भारतीय शेयर बाजारों के कई आईटी और फार्मा शेयर वैश्विक तनाव की वजह से ही पिट रहे हैं. ट्रेड वॉर का जल्दी कोई समाधान निकलता नहीं दिखाई दे रहा. ऐसे में बाजारों में अस्थिरता जारी रह सकती है.