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मिल सकती है किस्त आधारित इंश्‍योरेंस क्‍लेम की सुविधा, इरडा की ये है तैयारी

भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) की ओर से क्‍लेम की राशि एकमुश्त के अलावा किश्तों में लेने के विकल्प पर विचार किया जा रहा है.

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मिल सकती है किस्त आधारित इंश्‍योरेंस क्‍लेम की सुविधा
मिल सकती है किस्त आधारित इंश्‍योरेंस क्‍लेम की सुविधा

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आने वाले दिनों में बीमा पॉलिसी धारकों को क्‍लेम की राशि एकमुश्त के अलावा किश्तों में लेने का विकल्प मिल सकता है. इस विकल्‍प को लेकर भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) मंथन कर रहा है. जिन बीमा पर यह सुविधा मिलने की उम्‍मीद है उनमें व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा और स्वास्थ्य बीमा शामिल हैं.

बता दें कि अभी तक बीमा धारक या उसके परिजनों को एकमुश्‍त में क्‍लेम की राशि मिलती है. इरडा का मानना है कि क्‍लेम का निपटान किस्तों में होने से किसी आकस्मिक घटना के शिकार व्यक्ति को कुछ समय के लिए नियमित आय मिल सकेगी.

न्‍यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इरडा ने इस प्रस्ताव के अध्ययन के लिए एक कार्यसमूह गठित किया था. समिति ने अपनी रिपोर्ट इस साल जनवरी में सौंपी थी. समिति की ओर से व्यक्तिगत दुर्घटना और स्वास्थ्य बीमा क्‍लेम के लाभ का निपटान किस्तों में करने की अवधारणा की समीक्षा की गई है. अब बीमा नियामक ने इसके दिशानिर्देशों का ड्राफ्ट जारी कर इस पर अंशधारकों के विचार मांगे हैं.

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ड्राफ्ट के मुताबिक पालिसी धारकों को क्‍लेम का निपटान एकमुश्त या बराबर किस्तों में या कुछ- कुछ हिस्सा दोनों में करने का विकल्प दिया जा सकता है. इसके अलावा बीमा कंपनियो को बिक्री के समय और पॉलिसी के विभिन्न चरणों में पॉलिसी धारक द्वारा चुने जाने वाले विकल्प के लिए प्रक्रियाएं बनानी चाहिए. बता दें कि हाल ही में बीमा नियामक इरडा ने बीमा क्लेम का तेजी से निपटारे के लिए अहम सिफारिश की हैं.

इसमें बीमा क्लेम पर 30 दिन में रिपोर्ट देने का अहम सुझाव भी है.इसका फायदा ये होगा कि सर्वेयर और लॉस एसेसर्स (नुकसान के आकलनकर्ता) किसी कारण से कार, घर या अन्य बीमा उत्पादों को हुए नुकसान के सर्वे या आकलन राशि में देरी या गड़बड़ी नहीं कर पाएंगे.

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