नोटबंदी के बाद प्रतिबंधित की गई 500 रुपये और 1000 रुपये की नोट को कमीशन लेकर बदलने की कई शहरों से शिकायत मिली. इसके बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने फिल्मी अंदाज में कई गिरोहों का पर्दाफाश किया है.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, मुंबई ने अपने कुछ कर्मचारियों को पुरानी करेंसी को बदलकर नई करेंसी लाने के लिए भेजा. इन कर्मचारियों की मुलाकात एक बिचौलिए से हुई जिसने 35 फीसदी कमीशन लेकर पुरानी नोट के बदले नई नोट दिलाने पर सहमति दी.
बिचौलिए ने नोटबदली के लिए ग्राहकों को अपने घर बुलाया. जैसे ही बिचौलिए ने उनसे पुरानी नोट प्राप्त की और नई नोट देने के लिए कुछ देर इंतजार करने को कहा, अन्य अधिकारियों ने मकान पर छापा मार दिया. इस छापे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 29.5 लाख रुपये की नई करेंसी जब्त की.
बिचौलिए की गिरफ्तारी के बाद बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को पता चला कि यह पूरा गिरोह कई स्तर पर काम करता था. इस काम मे जमीनी स्तर पर कई युवाओं को लगाया गया था जो ऐसे लोगों को बैंक के बाहर या मुहल्लों में तलाश करते थे जिन्हें बड़ी-¬छोटी मात्रा में पुरानी नोट को बदलवाना था.यह युवा इन ग्राहकों को बिचौलियों के संपर्क में लाते. वहीं ये खुद अपने, अपने परिवार के अन्य सदस्यों और दोस्तों के नाम से प्रतिदिन बैंक से नई करेंसी निकालने का काम करते और इकट्टठी की हुई करेंसी को तय कमीशन पर बिचौलिए के हवाले कर देते. वहीं गिरोह में जुड़े सभी युवा अपने और अपने जानने वालों के बैंक खाते में भी कमीशन लेकर पुरानी करेंसी को जमा करने का काम करते थे.
वहीं नागपुर में बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित करेंसी को फर्जी अकाउंट में जमा करने का गिरोह पकड़ा गया है. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद जांच करते हुए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पाया कि कुछ ऐसे लोगों के बैंक खातों में रुपये जमा कराए जा रहे हैं जिन्हें पता ही नहीं कि उक्त खाता उनका है. इस तरह के नागपुर से 7 मामले पकड़ में आए जहां फर्जी बैंक खातों के जरिए नई और पुरानी करेंसी का यह गोरखधंधा चल रहा था. पूछताछ पर पचा चला कि इन सभी बैंक खातों को 8 नवंबर के बाद कोलकाता में खुलवाया गया था. वहीं जिनके नाम पर खाते खुले थे उनके मुताबिक उन्होंने कुछ साल पहले अपने जरूरी दस्तावेजों की फोटोकॉपी नागपुर में किसी के हवाले की थी. इस तरह नागपुर में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पकड़े गई प्रति बैंक खातों में 2-4 करोड़ रुपये जमा कराने का भंडाफोड़ किया है.
वहीं एक रोचक मामला अहमदाबाद से पकड़ में आया है. इनकम टैक्स विभाग को एक ट्रांस्पोर्टर के गोदाम से 24 डिब्बे मिले जिसे दिल्ली भेजा जा रहा था. इन डिब्बों को खोलकर देखने पर पाया गया कि 2 डिब्बे 100 रुपये की करेंसी से भरे थे. ट्रांस्पोर्टर के पास डिब्बे भेजने वाले ने अपनी सफाई में बताया कि यह रकम पटाखों की खरीद के लिए दिल्ली भेजी जा रही थी. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को इन दोनों डिब्बों से 27 लाख रुपये की रकम बरामद हुई.