सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय के जेल में होने के कारण धन जुटाना मुश्किल हो रहा है. यह दलील सहारा समूह की ओर से बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में दी गई.
सहारा समूह के वकील राम जेठमलानी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि रॉय के जेल में होने की वजह से हमें पैसे जुटाने में दिक्कत आ रही है. राम जेठमलानी ने कोर्ट में कहा कि कोई भी अंतरराष्ट्रीय खरीदार करार के लिए बातचीत करना चाहेगा और वह कभी भी इसके लिए जेल का दौरा नहीं करना पसंद करेगा. मालूम हो कि कोर्ट ने 26 मार्च को अपने आदेश में कहा था कि तिहाड़ जेल से बाहर निकलने के लिए रॉय को 10 हजार करोड़ रुपये जमा करने होंगे.
रॉय के साथ उनके निदेशक अशोक राय चौधरी और रवि शंकर दुबे भी न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं. उल्लेखनीय है कि सहारा समूह की कंपनियों-सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कारपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कारपोरेशन लिमिटेड-ने 3.3 करोड़ निवेशकों से 24,780 करोड़ रुपये की राशि जुटाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2012 को आदेश दिया था कि ये पैसे सेबी के जरिए निवेशकों को वापस कर दिए जाएं.
कोर्ट ने रॉय से कहा था कि न्यायिक हिरासत से अंतिरम जमानत पर रिहा होने के लिए वह भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास 10 हजार करोड़ रुपये जमा करें. कोर्ट ने कहा था कि 10 हजार करोड़ रुपये में से 5,000 करोड़ रुपये कोर्ट के पास जमा किए जाएं और शेष 5,000 करोड़ रुपये के लिए राष्ट्रीयकृत बैंक की बैंक गारंटी सेबी के पास जमा की जाए.