वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जिन लोगों ने विदेशों में जमा काले धन के बारे में अनुपालन समयसीमा के भीतर घोषणा नहीं की है, उन्हें इसका परिणाम भुगतना होगा क्योंकि सरकार को सूचना के स्वत: आदान-प्रदान के जरिये उनकी संपत्ति के बारे में सूचना मिलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि जिन्होंने योजना का लाभ उठाया है, अब वे आराम से सो सकते हैं.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने भाषण में जिस 6,500 करोड़ रुपये के काले धन का जिक्र किया, वह लीकटेंस्टाइन के एलजीटी बैंक तथा जिनीवा स्थित एसएसबीसी के खाताधारकों से जुड़ा अवैध धन है. वहीं अनुपालन समयसीमा के तहत कुल 3,770 करोड़ रपये के कालेधन के बारे में जानकारी सामने आयी.
जेटली ने कहा कि सरकार की नीति कर ढांचों को युक्तिसंगत बनाना, कम कमाई करने वाले लोगों के हाथों में और धन पहुंचाना, समाज के हर तबकों द्वारा ‘प्लास्टिक मनी’ के उपयोग को बढ़ावा एवं प्रोत्साहन देना और और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना है जो निरंतर अघोषित आय का उपयोग कर रहे हैं.
अपने फेसबुक पोस्ट में वित्त मंत्री ने घरेलू कालेधन की समस्या से निपटने के लिये सरकार की प्रतिबद्धता दोहरायी. उन्होंने कहा कि एक निश्चित सीमा से उपर नकद सौदों के लिये पैन को अनिवार्य बनाकर सरकार इस बुराई से निपटेगी.
उन्होंने कहा, ‘निश्चित सीमा से अधिक नकद लेन-देन में पैन कार्ड की अनिवार्यता को देखते हुए सरकार लाभ की स्थिति में है.’