वाहन और टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद क्षेत्रों के लिए राहत भरे निर्णय के तहत सरकार ने इन उद्योगों के लिए उत्पाद शुल्क रियायत की समय-सीमा छह महीने के लिए बढ़ा दी. इस घोषणा के अनुसार उन्हें आगामी 31 दिसंबर तक रियायत मिलती रहेगी.
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के अंतरिम बजट में कार, एसयूवी व दोपहिया वाहन और टिकाऊ उपभोक्ता उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में कटौती की थी, ताकि इन उद्योगों को मांग में कमी से उबरने में मदद मिल सके. इस रियायत की मियाद 30 जून तक पूरी हो रही थी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसकी समय-सीमा इस साल के दिसंबर तक बढ़ा दी है.
जेटली ने संवादाताओं से कहा, ‘विभिन्न क्षेत्रों की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखकर सरकार ने आज इन सभी खंडों को दी गई रियायती उत्पाद शुल्क की सुविधा छह महीने के लिए बढ़ाने का फैसला किया है. यानी उन्हें अब 31 दिसंबर 2014 तक रियायत मिलती रहेगी.’
छोटी कार, स्कूटर, मोटरसाइकिल और वाणिज्यिक वाहनों पर उत्पाद शुल्क 8 प्रतिशत की दर पर बरकरार रहेगा, जो अंतरिम बजट से पहले 12 प्रतिशत था एसयूवी पर उत्पाद शुल्क 24 प्रतिशत ही रहेगा, जो पहले 30 प्रतिशत था.
बड़ी कारों पर शुल्क 24 प्रतिशत रहेगा, जो पहले 27 प्रतिशत था, जबकि मंझोले आकार की कारों पर उत्पाद शुल्क 20 प्रतिशत बना रहेगा, जो इससे पहले 24 प्रतिशत था. पूंजीगत उत्पादों और टिकाऊ उपभोक्ता उत्पादों पर उत्पाद शुल्क पर 10 प्रतिशत लगेगा, जो अंतरिम बजट से पहले 12 प्रतिशत था. इन रियायतों की समय-सीमा बढ़ाने के कारण राजस्व के नुकसान के बारे में पूछने पर जेटली ने कहा कि इससे अल्पकालिक तौर पर राजस्व का कुछ नुकसान हो सकता है, पर अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक रूप से फायदा होगा.