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जेट-एतिहाद सौदे को निवेश बोर्ड की सशर्त मंजूरी

विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) ने सोमवार को जेट एयरवेज में अबूधाबी की कंपनी एतिहाद एयरवेज को 24 फीसदी हिस्सेदारी बिक्री के प्रस्ताव को कुछ शर्तो के साथ मंजूरी दे दी. इस प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल को फैसला लेना है.

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जेट-एतिहाद सौदे को मंजूरी
जेट-एतिहाद सौदे को मंजूरी

विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) ने सोमवार को जेट एयरवेज में अबूधाबी की कंपनी एतिहाद एयरवेज को 24 फीसदी हिस्सेदारी बिक्री के प्रस्ताव को कुछ शर्तो के साथ मंजूरी दे दी. इस प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल को फैसला लेना है.

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एफआईपीबी की यहां हुई बैठक के बाद आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने संवाददाताओं से कहा, 'हमने कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दे दी है.' फैसले की पुष्टि नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने भी की. उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय की सभी चिंताओं का समाधान कर लिया गया है.

हिस्सेदारी बिक्री के इस प्रस्ताव में जेट एयरवेज को करीब 2,058 करोड़ रुपये हासिल हो सकते हैं, जिसका इस्तेमाल कंपनी का कर्ज उतारने और यात्रियों को बेहतर सुविधा देने में किया जा सकता है. समझौत को मंजूरी मिलने के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी के शेयर 4.22 फीसदी तेजी के साथ 412.20 रुपये पर बंद हुए. शुक्रवार को कंपनी के शेयर 17.43 फीसदी तेजी के साथ 395.50 रुपये पर बंद हुए थे.

अजित सिंह ने अपने आवास पर पत्रकारों से कहा, 'जहां तक मैं जानता हूं, सौदे की भाषा में मामूली बदलाव करते हुए एफआईपीबी ने मंजूरी दे दी है. जैसे कि कानूनी प्रक्रिया में अंग्रेजी कानून की जगह भारतीय कानून का इस्तेमाल किया जाएगा.'

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उन्होंने कहा, 'नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से उठाए गए सभी मुद्दे सुलझा लिए गए हैं. अब यह प्रस्ताव आर्थिक मामले की मंत्रिमंडलीय समिति के पास जा सकता है. लेकिन यह तभी होगा, जब वित्त मंत्रालय की ओर से कैबिनेट नोट जारी किया जाएगा.'

जेट एयरवेज ने कहा कि उसे संबंधित नियामक से अभी भी मंजूरी का इंतजार है और वह ताजा घटनाक्रम के बारे कुछ नहीं बोलेगी.

सूत्रों के मुताबिक, एफआईपीबी, शेयर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने हिस्सेदारी बिक्री के बाद कंपनी के नियंत्रण और प्रबंधन पर सवाल उठाया था. इसके बाद संशोधित प्रस्ताव जमा किया गया था.

अजित सिंह ने कहा, 'सेबी ने सौदे को मंजूरी दे दी है. हमारी (नागरिक उड्डयन मंत्रालय की) चिंता दूर कर दी गई है. कंपनी मामलों का मंत्रालय भी इस सौदे पर विचार कर रहा था.'

उन्होंने कहा, 'यह सौदा यात्रियों और नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए अच्छा है. हम अपने आधारभूत संरचना क्षेत्र में काफी विदेशी निवेश चाहते हैं. इस सौदे से भारतीय विकास में निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा.'

कथित तौर पर एतिहाद बोर्ड में अपने चार की जगह दो निदेशक रखने के लिए तैयार हो गया है.

वित्त और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अतिरिक्त एफआईपीबी, सेबी और औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) नए समझौता प्रस्ताव का अध्ययन कर रहे थे. इससे पहले 14 जून को एफआईपीबी ने इस सौदे पर फैसले को उसके द्वारा उठाए गए सवालों के समाधान हो जाने तक के लिए टाल दिया था.

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