वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा है कि नई सरकार का प्रमुख एजेंडा रोजगार सृजन, विनिर्माण और निवेश के माहौल में सुधार के अलावा गरीबी उन्मूलन होना चाहिए.
अग्रवाल ने ट्विट किया है, ‘उद्योग नई सरकार का इंतजार कर रहा है. विनिर्माण और निवेश में सुधार, रोजगार सृजन तथा गरीबी उन्मूलन नई सरकार का प्रमुख एजेंडा होना चाहिए.’ गौरतलब है कि कई चैनलों पर प्रसारित एग्जिट पोल में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए को बहुमत मिलने की भविष्यवाणी की गई है.
वेदांता प्रमुख ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में बड़ी राष्ट्रीय परियोजनाओं को लेकर असमंजस की स्थिति है. उन्होंने एक बयान में प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी राजस्व भागीदारी या रॉयल्टी के आधार पर करने का प्रस्ताव किया है.
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की राजस्व भागीदारी या उंची रॉयल्टी के आधार पर नीलामी एक बेहद टिकाऊ और पारदर्शी तरीका होगा. इससे भारतीय उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा, जो विश्वस्तरीय तकनीक लाएंगे, आधुनिक कारखाने खोलेंगे और देश में बड़ा निवेश लाएंगे.
अग्रवाल ने कहा कि भारत में बॉक्साइट, कोयला, लौह अयस्क, तांबा और सोने जैसे प्राकृतिक संसाधनों का अच्छा खासा भंडार है. इसके बावजूद उसे इनके आयात पर अरबों डॉलर खर्च करने पड़ रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट लांजीगढ़ के नियामगिरि पर्वतीय क्षेत्र में अपनी खनन परियोजना के लिए हरित मंजूरी का इंतजार कर रही है. वेदांता समूह के पास हिंदुस्तान जिंक और बाल्को का भी स्वामित्व है. समूह केंद्र से इनमें सरकार की शेष हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है.
अग्रवाल ने कहा कि कच्चे माल के प्रसंस्करण और फिर विनिर्माण के लिए हजारों बड़े, मझोले व लघु उद्योग लगाए जा सकते हैं जिनसे 10 से 15 करोड़ रोजगार पैदा होंगे, बुनियादी ढांचा तैयार होगा और गरीबी उन्मूलन में मदद मिलेगी.