scorecardresearch
 

दिवालिया होने की कगार पर जेपी इंफ्रा, 32 हजार फ्लैट्स का सपना अधर में

जेपी इंफ्राटेक ने नियामकीय सूचना में कहा कि एनसीएलटी की इलाहाबाद पीठ ने दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता संहिता 2016 की धारा सात के तहत आईडीबीआई बैंक की याचिका स्वीकार की गई है.

Advertisement
X
नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल ने जेपी इंफ्रा के खिलाफ आईडीबीआई की शोण शोधन याचिका स्वीकार कर ली है.
नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल ने जेपी इंफ्रा के खिलाफ आईडीबीआई की शोण शोधन याचिका स्वीकार कर ली है.

Advertisement

नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल एनसीएलटी ने आईडीबीआई बैंक द्वारा कर्ज में डूबी जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ दायर ऋण शोधन याचिका (इंसॉल्वेंसी पेटीशन) स्वीकार कर ली है. जेपी इंफ्राटेक ने नियामकीय सूचना में कहा कि एनसीएलटी की इलाहाबाद पीठ ने दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता संहिता 2016 की धारा सात के तहत आईडीबीआई बैंक की याचिका स्वीकार की गई है.

इसमें कहा गया है कि कंपनी की तरफ से याचिका के बाद एनसीएलटी की इलाहाबाद पीठ ने नौ अगस्त को आईडीबीआई बैंक की याचिका स्वीकार कर ली और अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त किया है.

इसे भी पढ़ें: नोटबंदी के असर पर बने सस्पेंस से आरबीआई जल्द उठाएगा पर्दा

यूं दिवालिया घोषित हो सकती है जेपी इंफ्रा

जेपी इंफ्राटेक समस्या से जूझा रही है. कंपनी ने नोएडा और आगरा को जोड़ने वाले यमुना एक्सप्रेसवे का निर्माण किया है. कंपनी कर्ज में कमी लाने के लिये अपनी संपत्ति बेच रही है. इस फैसले के बाद एनसीएलटी की तरफ से अब जेपी इंफ्रा को 180 दिन की मोहलत दी जाएगी जिसमें उसे अपना कर्ज लौटाने का रोडमैप देना होगा. यदि जेपी इंफ्रा रोडमैप देने में फेल होती है तो अगले 90 दिनों की नोटिस के बाद जेपी इंफ्रा की पूरी संपत्ति बेचने और उसे दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.

Advertisement

इसे भी पढ़ें: 34,000 करोड़ की एंबी वैली को नीलामी से बचाने की आखिरी कोशिश

 

किसे होगा नुकसान

गौरतलब है कि दिल्ली एनसीआर में बड़े रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट में निवेश कर चुकी जेपी इंफ्रा लगभग 32 हजार रेजिडेंशियल यूनिट बना रहा है. इस निर्माणाधीन प्रोजेक्ट के लिए वह ग्राहकों से पैसे भी ले चुकी है. लिहाजा, यदि जेपी इंफ्रा को दिवालिया घोषित किया जाता है तो इसका सबसे बड़ा असर उन ग्राहकों पर पड़ेगा जिन्होंने लंबे समय से जेपी प्रोजेक्ट में अपना पैसा लगाया है. दिवालिया घोषित होने के बाद लोगों का घर का सपना तो टूटना तय है लेकिन खतरा उनके निवेश किए गए पैसे पर भी मंडरा रहा है.

 

Advertisement
Advertisement