scorecardresearch
 

भारत से पहली बार लंदन निर्यात हुई सबसे तीखी मिर्च, PM मोदी ने कही ये बात 

किंग चिली या भूत जोलकिया कही जाने वाली मिर्च पहली बार लंदन को निर्यात की गई है. इसकी पहली खेप लंदन पहुंच चुकी है. यह दुनिया की सबसे तीखी मिर्च मानी जाती है. 

Advertisement
X
भूत जोलकिया है दुनिया की सबसे तीखी मिर्च (फोटो: @PiyushGoyal)
भूत जोलकिया है दुनिया की सबसे तीखी मिर्च (फोटो: @PiyushGoyal)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भूत जोलकिया पहुंची लंदन
  • अब ब्रिटेन के लोग चखेंगे स्वाद

नगालैंड की 'किंग चिली' या भूत जोलकिया कही जाने वाली मिर्च पहली बार लंदन को निर्यात की गई है. इसकी पहली खेप लंदन पहुंच चुकी है. यह दुनिया की सबसे तीखी मिर्च मानी जाती है. 

Advertisement

वाण‍िज्य मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी. मंत्रालय ने बताया, 'राजा मिर्चा (Raja Mircha) की पहली खेप, जिसे किंग चिली या भूत जोलकिया (Bhoot Jolokia) भी कहा जाता है नगालैंड से आज लंदन पहुंची है. यह निर्यात खेप गुवाहाटी होते हुए पहली बार लंदन भेजी गई है.' 

पीएम ने खुशी जाहिर की

पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इस पर खुशी जाहिर की. पीएम ने लिखा, 'शानदार खबर! जिन लोगों ने भूत जोलकिया को खाया है, केवल वही जान सकते हैं कि यह कितना तीखा होता है.' 

इसे  Scoville हीट यूनिट (SHUs) के आधार के पर दुनिया की सबसे तीखी मिर्च माना जाता है. लंदन भेजे जाने वाली मिर्च की खेप को नगालैंड के पेरेन जिले के तेनिंग इलाके से मंगाई गई थी और इसे गुवाहाटी में  कृष‍ि एवं प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात विकास प्राध‍िकरण (APEDA) के सहयोग वाले पैकहाउस में पैक किया गया. नगालैंड की इस मशहूर मिर्च को भूत जोलकिया या घोस्ट पेपर कहते हैं. इसे साल 2008 में जीआई सर्टिफिकेशन भी मिला था. 

Advertisement

नतीजे उत्साहजनक रहे
 
APEDA ने नगालैंड स्टेट एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड (NSAMB) के सहयोग से ताजा किंग चिली की पहली खेप निर्यात खेप तैयार की. दोनों संस्थाओं के समन्वय में जून और जुलाई 2021 में इस मिर्च के सेम्पल को भेजा गया और इसके नतीजे उत्साहजनक रहे, क्योंकि इन्हें ऑर्गनिक तरीके से तैयार किया गया था. 

गौरतलब है कि यह मिर्च जल्दी खराब होने वाली प्रकृति की होती है, इसलिए इसे निर्यात के रूप में खेप भेजना एक चुनौती थी. किंग चिली Solanaceae परिवार के जीनस कैप्सिकम प्रजाति से जुड़ी है. इसके पहले इसी साल APEDA ने त्रिपुरा से लंदन और जर्मनी को कटहल, असम से लंदन तक नींबू, असल से अमेरिका तक लाल चावल और वहां से दुबई तक 'बर्मी अंगूर' Leteku के निर्यात का रास्ता प्रशस्त किया था. 

 

Advertisement
Advertisement